नाय-माय की बातें कर रै
ठलुआ सारे इतइं पबर रै
धरम करम से हमें डरा के
पापी अपनी
जेबें भर रै
पढ़वो लिखवे
में का रख्खो
चमचा गीरी
मोड़ा कर रै
जोन दिना
से बातें तुमने -
हमसे कर लईं, सबरे जर रै
उनने जब
से संग छोड़ दओ
बा दिन से हम तिल तिल मर रै
बिन्नू बोली
आ गये दद्दा
अबें फोन हम जा से धर रै

ख़ूबई नोनी लिखी मिश्रा जी ।।
जवाब देंहटाएं