01.11.2025


नमस्कार

 

पर्वों के गुलिस्तान हिन्दुस्तान के कहने ही क्या. एक के बाद एक उत्सवों का आनन्द ले रहे हैं हम लोग. सभी उत्सवों की सभी साहित्यानुरागियों को ढेर सारी बधाइयाँ. उत्तरोत्तर अपने गन्तव्य की दिशा में अग्रगामी वेबपोर्टल साहित्यम के वर्तमानाद्यातन के साथ हम पुनः उपस्थित हैं. 


इस बार के विशेष आकर्षण हैं भोजपुरी नवगीततज़मीनी ग़ज़ल (मुख़म्मस) और हजल. इन सभी के अतिरिक्त हमने इस अंक से एक और नया उपक्रम आरम्भ किया हैअब से हम साहित्यिक समाचार भी प्रकाशित किया करेंगे. किसी एक भाषा या किसी एक विधा तक सीमित न रहकर  हमारा उद्देश्य विविध भारतीय भाषाओं एवं साहित्य के गद्य और पद्य दौनों स्वरूपों की अधिकतम विधाओं पर काम करना और करवाना हैविभिन्न भाषाओं की स्वीकार्यसम्भाव्य एवं रुचिकर विविध विधाओं के प्रकाशन के लिए समर्पित वेबपोर्टल साहित्यम के सद्याद्यतन में निम्नलिखित कृतियों का समावेश किया गया है

 

1.      एक रोचक दास्तान - वाक़ई 'नाम चलने लग गया'

2.      शायरी आज भी कंटेंट नहीं आर्ट ही है

3.      नस्ल-ए-नौ भारत - जेन नेक्स्ट ऑफ शायरी 2025

4.      राष्ट्रीय कवि संगम की महाराष्ट्र इकाई का पुनर्गठन

5.      कविता - अपनी सीमा तय करते लोग - रीता दास राम

6.      कविता - प्रेम - सन्ध्या यादव

7.      सवैया छन्द - गोपाल प्रसाद 'गोप'

8.      घनाक्षरी छन्द - आयुष चराग़

9.      दोहे - यशपाल सिंह 'यश'

10.  गीत - आवरण मन के सारे हटा दीजिए – डॉ. राखी कटियार

11.  नवगीत - बहुत दिनो के बाद मिली हो  कैसी हो कमला - सीमा अग्रवाल

12.  नवगीत - कोयल की अमराई - राम निहोर तिवारी

13.  बालगीत - आने को दीपावली - आशा पाण्डेय ओझा 'आशा'

14.  भोजपुरी नवगीत - गइल भँइसिया पानी में – सौरभ पाण्डेय

15.  व्यंग्य - हम गुटबाजी नहीं करते - अर्चना चतुर्वेदी

16.  लघुकथा - समझौता - सुरेश बरनवाल

17.  कहानी – प्रोफेशनल – जया आनन्द

18.  संस्कृत गजल - प्रभातं क्व यातं निशा पृच्छतीयम् - डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डेय

19. ब्रजगजल - लोहागढ़ की शान और आँखि’न कौ तारौ सूरजमल – सुरेन्द्र ‘सार्थक’

20.  ब्रजगजल - यत्न कर-कर कें लाख हारे लोग - डॉ. प्रमोद सागर

21.  बुन्देली गजल - नाय-माय की  बातें कर रै - विवेक मिश्र

22.  हिन्दी गजल - प्रणय प्रस्तावना  स्वीकार कर लो - विवेक मिश्र

23.  કચ્છી ગઝલ - આઊં કે પાર્યા હૂનાં સેવાસમેં. - ભારતી ગડા

24.  मराठी गझल - घेतला आकार आणिक भंग झाले तक्षणी - नवीन जोशी नवा

25.  भोजपुरी गजल - सोचसु आपननाता पाछा – सौरभ पाण्डेय

26.  भोजपुरी गजल - रूप जाड़ा के धूप जइसन बा - पूनम विश्वकर्मा

27.  हजल - किसी को प्यार जूतों सेकिसी से प्यार जूतों का - कमलेश भारती 

28.  तज़मीनी (मुख़म्मस) ग़ज़ल - के पी अनमोल

29.  ग़ज़ल - और तो सब कुछ इन्ही आंखों में रखते हैं - कमलेश श्रीवास्तव

30.  ग़ज़ल - लगी जो बात बुरी हँस के टाल दी मैंने - अरुण शर्मा

31.  ग़ज़ल - फूल हमीं हैं ख़ार हमीं हैं - गौरव कान्त गोला

32.  ग़ज़ल - समय के साथ चलना पड़ रहा है - विवेक मिश्र

33.  ग़ज़ल - गुज़रने वाले सालों की न आने वाले सालों की - भवेश दिलशाद

34.  ग़ज़ल - ख़्वाबों के साथ जब कभी उड़ती हैं लड़कियाँ  - देवमणि पाण्डेय

35.  ग़ज़ल - आंखों का भी कुसूर है दिल की ख़ता भी है - शिवचरण शर्मा 'मुज़्तर'

36.  तज कर चुप्पी हल्ला बोल - चन्द अशआर - रवि खण्डेलवाल


प्रत्येक अद्यतन के उपरान्त साथियों के बढ़ते उत्साह से हम भी उत्साहित हैं. वेबपोर्टल साहित्यम पर अभी तक हम जिन भाषाओं / बोलियों की ग़ज़लों को सम्मिलित कर सके हैं वे हैं संस्कृत, ब्रजभाषा, बुन्देली, हिन्दी, उर्दू, गुजराती, मराठी, अवधी, भोजपुरी, हिमाचली, हरियाणवी, पंजाबी और राजस्थानी. इस क्रम में अन्य भाषा / बोलियों के न केवल ग़ज़ल-साहित्य बल्कि समग्र गद्य-पद्य के पठनीय साहित्य के प्रकाशन के लिए हम समर्पित हैं.  

आशा करते हैं आप इस अद्यतन को अपेक्षा के अनुरूप पायेंगे. जिन जिन के लिए सम्भव होयदि पोस्ट्स पर कमेंट्स भी लिखे जा सकें तो आनन्द और भी बढ़ेगा. यदि आप भी अपनी स्वयं की या आपके पूर्वजों / परिचितों की या आपकी रुचिकर अन्य व्यक्तियों की कृतियों को यहाँ प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो उक्त कृतियों को फोटो (सन्दर्भजहाँ आवश्यक हो) के साथ ईमेल करने की कृपा करें. आपके हितकर सुझावों का सदैव सहर्ष स्वागत है. 

 

सादर सप्रेम जय श्री कृष्ण

 

नवीन सी. चतुर्वेदी

ब्रजगजल प्रवर्तक एवं बहुभाषी शायर

मथुरा – मुम्बई

9967024593

navincchaturvedi@gmail.com

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विविध भारतीय भाषाओं / बोलियों की विभिन्न विधाओं की सेवा के लिए हो रहे इस उपक्रम में आपका सहयोग वांछित है. सादर.