भोजपुरी गजल - सोचसु आपन, नाता पाछा – सौरभ पाण्डेय

 


सोचसु आपन, नाता पाछा

गइनीं नाहक उनका पाछ

 का दइबा ई कइसन आङन

राहू-केतू   आगा-पाछा

 

कवना बाग-बगइचा जाई

पतझड़ लागल जेकरा पाछा

 

सावन-भादों पानी-पानी

अँखिया कइलस, बदरा पाछा

 

रूप-सिङार करीं का कइसे

सीसा टूटल रउआ पाछा

 

पहिले परदा में हलचल के

दुनिया जानल, पल्ला पाछा

 

मंच सजल बा गजब भाव से

पढ़ीं लतीफा कविता पाछा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करने के लिए 3 विकल्प हैं.
1. गूगल खाते के साथ - इसके लिए आप को इस विकल्प को चुनने के बाद अपने लॉग इन आय डी पास वर्ड के साथ लॉग इन कर के टिप्पणी करने पर टिप्पणी के साथ आप का नाम और फोटो भी दिखाई पड़ेगा.
2. अनाम (एनोनिमस) - इस विकल्प का चयन करने पर आप की टिप्पणी बिना नाम और फोटो के साथ प्रकाशित हो जायेगी. आप चाहें तो टिप्पणी के अन्त में अपना नाम लिख सकते हैं.
3. नाम / URL - इस विकल्प के चयन करने पर आप से आप का नाम पूछा जायेगा. आप अपना नाम लिख दें (URL अनिवार्य नहीं है) उस के बाद टिप्पणी लिख कर पोस्ट (प्रकाशित) कर दें. आपका लिखा हुआ आपके नाम के साथ दिखाई पड़ेगा.

विविध भारतीय भाषाओं / बोलियों की विभिन्न विधाओं की सेवा के लिए हो रहे इस उपक्रम में आपका सहयोग वांछित है. सादर.