भोजपुरी गजल - रूप जाड़ा के धूप जइसन बा - पूनम विश्वकर्मा



रूप जाड़ा के धूप जइसन बा,

तीर नैना ह तीखी चितवन बा।

 फूल के रंग से बनल बाड़ू ,

लागे देहिया तोहार मधुबन बा।

 

कारी केसिया घटा ह चंदा पे,

प्रेम के बरसे वाला सावन बा।

 

जेके चहबू अमीर हो जाई,

उ खजाना इ हुस्न के धन बा।

 

हम दिवाना तोहार हो गइनी,

तू बतावा तहार का मन बा?


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