जिसके दिल में प्यार है, सीना उसी का चाक है।
वरना तो माहौल काफ़ी ख़ुशगवार-ओ-पाक है॥
हमने अपने पाँव से काँटा निकाला है फ़क़त।
राह रुसवा हो गई, ये बात हैरतनाक है॥
सौ थपेड़े झेल कर भी बढ़ रहा है दम-ब-दम।
आदमी बहरे-फ़ना का अव्वली तैराक है॥
शौक़ से फिर छेड़ देना जंग लेकिन एक बार।
देख तो लें घर में कितने रोज़ की ख़ूराक है॥
क़ायदा बनने से पहले तोड़ना तय हो गया।
सारा सब तो दिख रहा है कैसी ये पोशाक है॥
वरना तो माहौल काफ़ी ख़ुशगवार-ओ-पाक है॥
हमने अपने पाँव से काँटा निकाला है फ़क़त।
राह रुसवा हो गई, ये बात हैरतनाक है॥
सौ थपेड़े झेल कर भी बढ़ रहा है दम-ब-दम।
आदमी बहरे-फ़ना का अव्वली तैराक है॥
शौक़ से फिर छेड़ देना जंग लेकिन एक बार।
देख तो लें घर में कितने रोज़ की ख़ूराक है॥
क़ायदा बनने से पहले तोड़ना तय हो गया।
सारा सब तो दिख रहा है कैसी ये पोशाक है॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करने के लिए 3 विकल्प हैं.
1. गूगल खाते के साथ - इसके लिए आप को इस विकल्प को चुनने के बाद अपने लॉग इन आय डी पास वर्ड के साथ लॉग इन कर के टिप्पणी करने पर टिप्पणी के साथ आप का नाम और फोटो भी दिखाई पड़ेगा.
2. अनाम (एनोनिमस) - इस विकल्प का चयन करने पर आप की टिप्पणी बिना नाम और फोटो के साथ प्रकाशित हो जायेगी. आप चाहें तो टिप्पणी के अन्त में अपना नाम लिख सकते हैं.
3. नाम / URL - इस विकल्प के चयन करने पर आप से आप का नाम पूछा जायेगा. आप अपना नाम लिख दें (URL अनिवार्य नहीं है) उस के बाद टिप्पणी लिख कर पोस्ट (प्रकाशित) कर दें. आपका लिखा हुआ आपके नाम के साथ दिखाई पड़ेगा.
विविध भारतीय भाषाओं / बोलियों की विभिन्न विधाओं की सेवा के लिए हो रहे इस उपक्रम में आपका सहयोग वांछित है. सादर.