या में बस एक अद्भुत यही बात है
प्रीत में रीत देखी नहीं जात
है
या कों ब्यौपार कह कें न
लज्जित करौ
प्रियतमे प्रीत जीवन की सौगात है
यै जरुरी नहीं बात मिल कें
करें
नैन सैन’न सों हू बात है जात
है
जा तरें टूट कें मिल रहे हौ
सजन
ऐसौ लागै है अन्तिम मुलाकात
है
एक पल में मिलन बन गयौ है
बिरह
भर दुपैरी में ऐसौ लगै रात है
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