हरियाणवी गजल - बैठक पौली बूढ़े स्याणे कम होगे - शिवचरण शर्मा 'मुज्तर'

 

 

बैठक  पौली   बूढ़े  स्याणे  कम  होगे

साँखी फ्हाली ज़कड़ी लाणे कम होगे

 

पहल्यां आली  बात  रही  ना कोए बी 

खंडका  धोती  दामण आणे कम होगे

 

साइकल ओर स्कूटर बालक सीखैं सैं

रेहडू  चक्कर  टैर  चलाणे  कम  होगे-3

 

जिम मैं जाकै  अक्सरसाइज करलें सैं

रेश  कबड्डी   गिरड़ी ‌ ठाणे  कम  होगे-4

 

बीरां  की  ज्यूं  भीतर  बड़के नावैं  सैं

नहर,जोहड़,डोबी के नहाणे कम होगे-5

 

छोरा छोरी  आपै   ब्याह  करवालें  सैं

माँ  दादी  के गौत  मीलाणे  कम होगे-6

 

साली  ओर  साढ़ू की  चौधर  होरी सै

बुआ  बहाण के आणे-जाणे कम होगे-7

 

पीसी  पीसाई  चून  की थैली ल्यावैं सैं

कोठी  कुठले  चाक्की  दाणे कम होगे-8

 

पीजा,  बर्गर,  मोमो, चोमिन, खांवै सै

'मुज़्तर'  घी  बूरा  के खाणे  कम होगे-


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