rakhi |
बहना की दादागिरी, भैया की मनुहार|
ये सब ले कर आ रहा, राखी का त्यौहार||
राखी का त्यौहार, यार क्या कहने इस के|
वो "राखी सरताज", बीस बहना$ हों जिस के|
ठूँस-ठूँस तिरकोन*, मिठाई खाते रहना|
फिर से आई याद, हमें राखी औ बहना||
सबसे पूर्व सगी-बड़ी, बहना का अधिकार|
उस के पीछे साब जी, लाइन लगे अपार||
लाइन लगे अपार, तिलक लगवाते जाओ|
गिन गिन के फिर नोट, तुरंत थमाते जाओ|
मॉडर्न डिवलपमेंट, हुआ भारत में जब से|
ये अनुपम आनंद, छिन गया, तब से, सब से|| @
*मथुरा में समोसे को तिरकोन कहा जाता है [त्रिकोण जैसा दिखने के कारण]
$ अपनी बहन, चाची, काकी, भुआ, मौसी और मामियों की लड़कियां मिला कर
बीस बहनें भी होती थीं किसी किसी के| और भुआयें अलग से - बोनस में|
@ सुख भरी यादों के बीच दुखांत तो है, पर समय की सच्चाई भी यही है
छन्द - कुण्डलिया