यश अर्थ प्रशंसा न संतुष्टि सम्मान मिले,
ऐसी निरर्थक कविताई मत कीजिए
!
न आनंद-प्राप्ति, न
अमंगल दुखों का नाश,
जीवन व्यौहार सिखलाए वो सिरजिए !
पद्य का न ज्ञान, गद्य लिखो विदुषी विद्वान,
कविता-सृजन में तो श्रेष्ठतम
दीजिए !
चाहिए अभ्यास काव्य-लेखन को, और
प्यास,
प्यास बुझ जाए - वो पिलाएं
और पीजिए !
वाह वाह
जवाब देंहटाएं