राष्ट्रीय कवि संगम की महाराष्ट्र इकाई का पुनर्गठन

राष्ट्र जागरण धर्म हमारा के ध्येय वाक्य के अनुसार लेखनी का उत्तरदायित्व राष्ट्र के प्रति सकारात्मक और राष्ट्रवादी विचारों का जन जन में अलख जगाना कवियों का पवित्र कार्य रहा है। इसी उद्देश्य हेतु राष्ट्रीय कवि संगम का गठन किया गया तथा इसका प्रथम अधिवेशन दिल्ली में रखा गया। 

आज राष्ट्रीय कवि संगम संपूर्ण भारत में सुदूर पूर्वोत्तर से पश्चिम मरूधरा तक तथा हिमालय की गोद से दक्षिणी समुद्र के तट तक उपस्थित है। राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जगदीश मित्तल जी ने स्वयं कवि न होते हुए भी कवियों को पवित्र ध्येय के साथ एक मंच पर लाने का बड़ा कार्य किया है। आज केवल भारत में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक देशों में राष्ट्रीय कवि संगम की इकाइयां सक्रिय हैं। महाराष्ट्र प्रदेश में भी संगम सक्रिय है। खासतौर से विदर्भ में। मुंबई महानगर प्रांत में आदरणीय सुभाष काबरा जी एवं महेश दुबे जी ने अपना अमूल्य समय देकर इसमें प्राण फूंके हैं।

 

महेश जी की अत्यंत व्यस्तता के कारण ५ अक्टूबर २०२५ को मुंबई महानगर की राष्ट्रीय कवि संगम की इकाई का पुनर्गठन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व के सर्वाधिक प्रसिद्ध गीत इतनी शक्ति हमें देना दाता के संगीतकार सरदार कुलदीप सिंह ने की तथा संगम की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष चौधरी मदन मोहन समर की विशिष्ट उपस्थित थी। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने दिल्ली से ऑन लाइन संबोधित करते हुए सर्व सम्मत से चुनी गई अध्यक्ष श्रीमती रीमा राय सिंह को मुंबई महानगर के नवीन अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की। श्री मित्तल ने अपने उद्बोधन में कहा कि रीमा जी के नेतृत्व में मुंबई इकाई राष्ट्र जागरण धर्म हमारा के ध्येय वाक्य के अनुसार कलमकारों में इकाई को सक्रिय करेंगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में लोगों के पास भौतिक दौलत तो बहुत हो सकती है लेकिन कविता की अक्षम्य दौलत सिर्फ कवियों के पास होती है। इस अवसर पर महानगर के प्रसिद्ध कवि और कवयित्रियों ने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली कविताएं प्रस्तुत कीं।

 

अध्यक्ष पद ग्रहण करते हुए श्रीमती रीमा सिंह ने इकाई को नई ऊंचाइयां देने हेतु भरसक प्रयास करने की बात कही मुंबई इकाई को नई ऊंचाइयां देने हेतु भरसक प्रयास करने की बात कही रचनाकारों के साथ आने वाले समय में साहित्य की गतिविधियों को आयोजित कर नए रचनाकारों को सामने लाने हेतु प्रयास पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में चौधरी मदन मोहन सहित नवीन चतुर्वेदी, ओमप्रकाश तिवारी, एड राजीव मिश्रा, संध्या यादव, अंजनी द्विवेदी, अश्विनी उम्मीद लखनवी, अनिल गौड़,राजू मिश्रा कबीरा और सत्यभामा सिंह सहित कई प्रमुख साहित्यकारों ने भाग लिया। इसके अलावा, पल्लवी रानी, लक्ष्मी यादव, अर्चना झा, आशु शर्मा,अनामिका शर्मा, रीता कुशवाहा, अर्चना वर्मा सिंह, आशुतोष सिंह और अनुज वर्मा ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सभी रचनाकारों ने काव्य प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ वर्षा महेश ने किया। 




(सौजन्य रीमा सिंह)



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