हे गणनायक, सिद्धिविनायक
हम पर कृपा करो
गजानन, मेरे विघ्न हरो
गजानन, मेरे विघ्न हरो
प्रथमपूज्य तुम देव हमारो
रिद्धि सिद्धि संग आप पधारो
हे गौरीसुत ! हे शिवनंदन
गृह पग आज धरो
गजानन, मेरे विघ्न हरो
एकदंत तुम संकटहर्ता
हम भक्तों के हो सुखकर्ता
गणाध्यक्ष प्रभु हे लंबोदर
मेरी बाँह धरो
गजानन, मेरे विघ्न हरो
मोदक प्रिय है मूस सवारी
हम भक्तों के मंगलकारी
भक्ति समर्पण ज्ञान महोदर
मेरे हृदय भरो
गजानन, मेरे विघ्न हरो

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करने के लिए 3 विकल्प हैं.
1. गूगल खाते के साथ - इसके लिए आप को इस विकल्प को चुनने के बाद अपने लॉग इन आय डी पास वर्ड के साथ लॉग इन कर के टिप्पणी करने पर टिप्पणी के साथ आप का नाम और फोटो भी दिखाई पड़ेगा.
2. अनाम (एनोनिमस) - इस विकल्प का चयन करने पर आप की टिप्पणी बिना नाम और फोटो के साथ प्रकाशित हो जायेगी. आप चाहें तो टिप्पणी के अन्त में अपना नाम लिख सकते हैं.
3. नाम / URL - इस विकल्प के चयन करने पर आप से आप का नाम पूछा जायेगा. आप अपना नाम लिख दें (URL अनिवार्य नहीं है) उस के बाद टिप्पणी लिख कर पोस्ट (प्रकाशित) कर दें. आपका लिखा हुआ आपके नाम के साथ दिखाई पड़ेगा.
विविध भारतीय भाषाओं / बोलियों की विभिन्न विधाओं की सेवा के लिए हो रहे इस उपक्रम में आपका सहयोग वांछित है. सादर.