ब्रजगजल - लोहागढ़ की शान और आँखि’न कौ तारौ सूरजमल – सुरेन्द्र ‘सार्थक’

 


लोहागढ़ की शान और आँखि’न कौ तारौ सूरजमल

यों तो राजा भौत भये पर सबते न्यारौ सूरजमल

 

मुगल और अँगरेजन ते जब बडे बडे घबराय गए

दई कब्बडी, बीच खेत में खेंच्यौ फारौ, सूरजमल

 सातों कौम बराबर मानी, दलित खजाने कौ मालिक

लोहागढ़ की सब कौम’न कूँ या ते प्यारौ सूरजमल

 

पूरे भारत के दुर्ग’न में, एक भरतपुर ऐसौ है

दई मजूरी, मजदूरन कूँ, कोई न टारौ, सूरजमल

 

युद्धनीति अरु रणकौशल ते दुर्ग अभेद्य बना दीनों

काट फिरंगी, बना दियौ, खूनन कौ गारौ, सूरजमल

 

आज तलक हू राजनीति में रुतवा है रजवाड़े कौ

क्योंकि रियासत कौ निर्माता, हिम्मत वारौ, सूरजमल


लोहागढ़ के राजा सूरजमल

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