ख़्वाबों के साथ जब कभी उड़ती हैं लड़कियाँ
सुन्दर किसी परिन्द सी दिखती हैं लड़कियाँ
रौशन मगर जहान को करती हैं लड़कियाँ
दिल में है आग पर कभी दिखता नहीं धुआँ
इस बाँकपन से प्यार में जलती
हैं लड़कियाँ
हम हैं तो ज़िन्दगी की धनक
में हैं सात रंग
कितने यक़ीं से बात ये कहती
हैं लड़कियाँ
आँसू छुपा ही लेती हैं इनमें
हुनर है ये
चिड़ियों की तर्ह रोज़ चहकती
हैं लड़कियाँ
बदली फ़िज़ा तो वो नए रंगों
में ढल गईं
कितनी ज़हीन आज की लगती हैं लड़कियाँ

सुंदर प्रस्तुति। शुक्रिया नवीन जी।
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