साहित्यम्
हिन्दुस्तानी-साहित्य सेवार्थ एक शैशव-प्रयास
एक हाइकु - भगवत शरण अग्रवाल
बोये सपने
सींचे इन्द्र-धनुष
फले कैक्टस
-भगवत शरण अग्रवाल
1 टिप्पणी:
सुनीता अग्रवाल "नेह"
22 नवंबर 2014 को 5:07 pm बजे
behtreen haiku
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