tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post947312746516771156..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: दोहा ग़ज़ल - कारण झगड़े का बनी, बस इतनी सी बात - नवीनwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-27777990864051012682013-04-30T06:40:15.460+05:302013-04-30T06:40:15.460+05:30आ. श्याम जी आप के सुविचारों का स्वागत है। आ. श्याम जी आप के सुविचारों का स्वागत है। www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-70245411335247219892013-04-29T22:33:55.970+05:302013-04-29T22:33:55.970+05:30देर से...
नवीन जी ग़ज़ल तो सुन्दर गैर रदीफ़ ग़ज़ल है ह...देर से...<br /><br />नवीन जी ग़ज़ल तो सुन्दर गैर रदीफ़ ग़ज़ल है ही.....<br />---जहां तक दोहा ग़ज़ल की बात है ...सभी ग़ज़ल दोहा ग़ज़ल ही होती हैं....क्योंकि शेर स्वयं दोहे का उर्दू रूप है.... अरबी-फारसी में शेर को दोहा ही कहा जाता है .....डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-82118242821875689522012-08-22T00:57:21.837+05:302012-08-22T00:57:21.837+05:30.
मित्रवर नवीन चतुर्वेदी जी
सस्नेह नमस्कार !
.... <br /><br /><br /><b>मित्रवर नवीन चतुर्वेदी जी </b><br />सस्नेह नमस्कार !<br /><br />आपकी रचनाएं हमेशा आकर्षित करती हैं … आभार !<br /><br /><b>कहाँ सभी के सामने, कली बने है फूल<br />तनहाई में बोलना, उस से दिल की बात </b><br />वाऽऽहऽऽ… ! <br />लाजवाब !!<br /><br />आपने उचित फ़ैसला किया …<br /><br />मैंने भी प्रयोग के तौर पर दो-चार दोहा-ग़ज़ल लिखी हैं … <br />आपकी तरह मैंने भी दूसरे मतानुरूप Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-38348110624720028072012-08-20T15:34:44.418+05:302012-08-20T15:34:44.418+05:30 ईद की मुबारकबाद
किया चाँद ने वो ग़ज़ब, पल भर मुझ... ईद की मुबारकबाद <br />किया चाँद ने वो ग़ज़ब, पल भर मुझे निहार<br />दिल-दरिया को दे गया, लहरों की सौगात <br />बहुत ही सुन्दर दोहा.... वाह वाह Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-45074280415821802452012-08-20T00:31:57.534+05:302012-08-20T00:31:57.534+05:30दोहा गजल .... नयी विधा की जानकारी मिली ... बहुत खू...दोहा गजल .... नयी विधा की जानकारी मिली ... बहुत खूबसूरत संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-80501579816742802242012-08-19T22:13:28.589+05:302012-08-19T22:13:28.589+05:30शब्द सुघड़ कर ढाल दिये हैं, करने बैठे बात।शब्द सुघड़ कर ढाल दिये हैं, करने बैठे बात।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-79587026400337616532012-08-19T12:30:23.049+05:302012-08-19T12:30:23.049+05:30वाह ! बेह्तरीन...
कुछ नया ही पढ़ा और सिखा दिया आप...वाह ! बेह्तरीन...<br /><br />कुछ नया ही पढ़ा और सिखा दिया आपने तो...धन्यवाद Prakash Jainhttps://www.blogger.com/profile/04801182284591806629noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-2812369833299424542012-08-19T11:39:26.131+05:302012-08-19T11:39:26.131+05:30अच्छा प्रयोग है। आपसे सहमत हूँ। सुंदर दोहा ग़ज़ल के ...अच्छा प्रयोग है। आपसे सहमत हूँ। सुंदर दोहा ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-39024327522199730702012-08-19T10:21:00.745+05:302012-08-19T10:21:00.745+05:30रचना तो बहुत ही बढ़िया है...
बाकी नियम तो मै भी नह...रचना तो बहुत ही बढ़िया है...<br />बाकी नियम तो मै भी नहीं जानती....<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-25930166903698565822012-08-19T10:20:12.302+05:302012-08-19T10:20:12.302+05:30 सुन्दर रचना सुन्दर रचना nayee duniahttps://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-56922411330091877402012-08-19T10:04:28.337+05:302012-08-19T10:04:28.337+05:30तकनीकी बात नहीं जानता , लेकिन अच्छी रचना है ,बधाई ...तकनीकी बात नहीं जानता , लेकिन अच्छी रचना है ,बधाई अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-48896868153476133022012-08-19T08:19:56.179+05:302012-08-19T08:19:56.179+05:30behtreen gazal....behtreen gazal....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-28019572138369291972012-08-19T06:52:34.043+05:302012-08-19T06:52:34.043+05:30दोहा गज़ल के सम्बन्ध में दूसरा मत मुझे भी उचित लगा...दोहा गज़ल के सम्बन्ध में दूसरा मत मुझे भी उचित लगा वरना लगता था कि सबसे लंबी गज़ल बिहारी जी (सतसैया )ने ही लिखी होगी ...बहुत बहुत धन्यवाद एक और बढ़िया गज़ल के लिये Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-64429018491788908122012-08-19T02:18:19.342+05:302012-08-19T02:18:19.342+05:30धीरे-धीरे ही बदलेंगे दुनिया के हालात.
धीरे-धीरे दि...धीरे-धीरे ही बदलेंगे दुनिया के हालात.<br />धीरे-धीरे दिन निकलेगा ढल जाएगी रात.<br /><br />भाई नवीन जी! आपकी दोहा ग़ज़ल पढने के बाद उसी ज़मीन पर एक शेर निकल आया. आपको नज्र करता हूँ. दोहा ग़ज़ल की जो अवधारणा आपने अपनाई है वह बिलकुल सही और सटीक है. इसमें ग़ज़ल और दोहा दोनों का स्वाद है. इसे विकसित किये जाने का मैं समर्थन करता हूँ. एक कामयाब पहल के लिए आपको बधाई देता हूँ.devendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-65829610384506958072012-08-18T21:51:55.746+05:302012-08-18T21:51:55.746+05:30भाई नवीनजी, दोहा-ग़ज़ल के बारे में मैं वस्तुतः कुछ न...भाई नवीनजी, दोहा-ग़ज़ल के बारे में मैं वस्तुतः कुछ नहीं जानता हूँ/था. यह अवश्य है कि अपनी ज़मीन और शिल्प के कारण दोहे अन्य सनातनी छंदों के बनिस्पत ग़ज़लकारों के लिये विशेष पसंद रहे हैं. अक्सर ज़मीनी ग़ज़लकारों या शायरों ने दोहा-छंदों पर हाथ आज़माया है. <br /><br />लेकिन दोहा-ग़ज़ल मेरे लिये एक नयी विधा है. और सही मानिये, मुझे भी यह विधा रोचक लगी है. दूसरे, सही किया आपने कि इस विधा के उल्लेख्य दूसरे रूप को Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-41259196323409417782012-08-18T19:45:03.364+05:302012-08-18T19:45:03.364+05:30कल 19/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nay...<i><b> कल 19/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br />धन्यवाद! </b></i><br />Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-68644590796371195692012-08-18T19:21:47.001+05:302012-08-18T19:21:47.001+05:30तकनीकी राय देने दे लायक तो नहीं हूँ...हां रोचक प्र...तकनीकी राय देने दे लायक तो नहीं हूँ...हां रोचक प्रस्तुति रोचक प्रयोग है ..<br />सुन्दर!!<br /><br />सादर<br />अनु <br />ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com