tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post822329985675823206..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: एक नज़्म - नवीनwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-19298350631235528202013-06-01T20:31:30.874+05:302013-06-01T20:31:30.874+05:30न जाने क्यों पर संकेत हम झुठलाते रहते हैं।न जाने क्यों पर संकेत हम झुठलाते रहते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-45908136369529940842013-05-31T22:19:30.735+05:302013-05-31T22:19:30.735+05:30"वक़्त हो चुका है.....
समाधान खोजो मेरा......
... "वक़्त हो चुका है.....<br />समाधान खोजो मेरा......<br />वरना फट जाऊँगा मैं.....<br />ध्वस्त कर डालूँगा तुम्हारी सारी साज-सज्जा.......<br />तुम्हारी काली करतूतों को......<br />विद्यमान कर दूँगा..... तुम्हारे मुखौटों पर....<br />चिन्ह रूप में......<br /><br />सहजता से कही गहरी बात<br />बहुत खूब<br />बधाई<br /><br /> मेरे ब्लॉग का अनुसरण करें<br />तपती गरमी जेठ मास में---<br />http://Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.com