tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post7849103527154025075..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: SP/2/1/8 इम्तहान की कापियाँ, गैया गई चबाय - उमाशंकर मिश्राwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-46704527810018275612012-11-04T22:59:46.384+05:302012-11-04T22:59:46.384+05:30आदरणीय ओंकार जी हार्दिक आभार
आदरणीय कुलदीप सिंह ज...आदरणीय ओंकार जी हार्दिक आभार <br />आदरणीय कुलदीप सिंह जी सादर आभार <br />प्रिय आकाश जी आपकी सहृदयता भरे प्रेम से अभिभूत हूँ <br />आभार <br />आदरणीया सुमन कपूर मीत जी आपकी प्रतिक्रिया ने बंदे की रचना को जानदार कर अभय कर दिया है <br />आदरणीया कविता जी आपकी सार्थकता ने दोहों को सार्थक कर दिया सादर आभार<br />आदरणीया संगीता जी आपके उदगार ने गद गद किया है आपका हार्दिक आभार <br />आदरणीय प्रतुल वशिष्ट UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-85618471469322246722012-11-03T23:05:46.117+05:302012-11-03T23:05:46.117+05:30दोहों के साथ टिप्पणियों का होना भी उसकी खूबसूरती ब...दोहों के साथ टिप्पणियों का होना भी उसकी खूबसूरती बढ़ा रहा है। उमाशंकर जी को बधाई, खासकर व्यंग्य वाले दोहे ने तो मन जीत लिया। प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00211742823973842751noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-19987242721773237742012-11-03T18:25:47.423+05:302012-11-03T18:25:47.423+05:30सुंदर रचनाएं ..
बढिया लिखते हैं आपसुंदर रचनाएं ..<br />बढिया लिखते हैं आपसंगीता पुरीhttp://www.gatyatmakjyotish.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-5286664783795926452012-11-03T18:08:26.889+05:302012-11-03T18:08:26.889+05:30बढ़िया दोहे..
सार्थक प्रस्तुति ...
बढ़िया दोहे..<br />सार्थक प्रस्तुति ...<br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-83947372915876813732012-11-03T16:19:41.284+05:302012-11-03T16:19:41.284+05:30बहुत खूब ..जानदार बहुत खूब ..जानदार सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-38590795984289006462012-11-03T12:51:54.518+05:302012-11-03T12:51:54.518+05:30सभी दोहे अच्छे हैं ,
इम्तहान की कापियाँ, गैया गई ...सभी दोहे अच्छे हैं , <br />इम्तहान की कापियाँ, गैया गई चबाय<br />गुरुजी गोबर देखकर, नम्बर रहे बनाय |<br />विशेष रूप से पसंद आया |<br />उमाशंकर जी को बहुत बधाई |<br />एक बात और , पहली बार इस ब्लॉग पर आया हूँ , आपका लिखने का तरीका भी बहुत रुचिकर लगा |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-45406393512756870022012-11-03T11:46:48.904+05:302012-11-03T11:46:48.904+05:30सुंदर भाव... एक नजर इधर भी http://www.kuldeepkikav...सुंदर भाव... एक नजर इधर भी http://www.kuldeepkikavita.blogspot.comkuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-87410780434561158712012-11-03T09:27:55.227+05:302012-11-03T09:27:55.227+05:30सुन्दर दोहे सुन्दर दोहे Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-57295269501826589762012-11-03T00:34:59.235+05:302012-11-03T00:34:59.235+05:30आदरणीया संगीता स्वरुप जी आपका आभारी हूँ
आदरणीय यश...आदरणीया संगीता स्वरुप जी आपका आभारी हूँ <br />आदरणीय यशवंत माथुर जी आपकी इन इनायतों <br />के लिए(लिंक देने ) हार्दिक आभार <br />आदरणीय महेंद्र वर्मा जी आपका धन्यवाद <br />आदरणीय डॉ. श्याम गुप्त जी आपकी संभावना,या शायद के लिए भी हार्दिक आभार <br />आदरणीय- की बोर्ड की कृपा से मुझे दो बार अपनी प्रतिक्रिया हटानी पड़ी<br />आदरणीय गुमनाम,अंजान जो भी हैं आपका भी आभार <br />आदरणीय डॉ. रूप चन्द्र शास्त्रीUMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-2345450576999127282012-11-02T22:40:55.683+05:302012-11-02T22:40:55.683+05:30उमाशंकर जी के चारों दोहे बहुत शानदार हैं। शिल्प भा...उमाशंकर जी के चारों दोहे बहुत शानदार हैं। शिल्प भाव हर स्तर पर सटीक दोहे हैं। बहुत बहुत बधाई उमाशंकर जी को इन शानदार दोहों के लिए‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-23667716987822622802012-11-02T21:52:07.493+05:302012-11-02T21:52:07.493+05:30उमाशंकरजी, सचमुच सभी दोहे अच्छे है....
इतने अच्छे ...उमाशंकरजी, सचमुच सभी दोहे अच्छे है....<br />इतने अच्छे दोहों के प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई.<br /> Satyanarayan singhhttps://www.blogger.com/profile/00790105613649162597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-2341860073180693962012-11-02T16:38:55.809+05:302012-11-02T16:38:55.809+05:30करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ आपको सूचित क...करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-<br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (03-11-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-86833065108176613962012-11-02T15:48:16.835+05:302012-11-02T15:48:16.835+05:30Keep working, nice post! This was the information ...Keep working, nice post! This was the information I had to know.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-63503987796539976922012-11-02T13:23:22.182+05:302012-11-02T13:23:22.182+05:30क्रम - 'क' और 'र' एक दूसरे में समा...क्रम - 'क' और 'र' एक दूसरे में समा कर संयुक्ताक्षर हो गए मात्रा योग 1 <br />क्र 1 + म 1 = 2 मात्रा<br /><br />विक्रम - 'र' का साथ छोड़ कर 'क', 'वि' से मिल गया<br />विक 2 + र 1 + म 1 = 4 मात्रा <br />हालाँकि यहाँ 'र' और 'म' की मात्रा गणना अलग विद्वान अलग रीति से कर सकते हैं परंतु मात्रा योग 4 ही रहेगा <br /><br />यकृत - 'क' और 'रwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-82250756370927559932012-11-02T10:37:09.729+05:302012-11-02T10:37:09.729+05:30भाई उमाशंकर जी ----आपको चार टिप्पणियाँ डिलीट करनी...भाई उमाशंकर जी ----आपको चार टिप्पणियाँ डिलीट करनी पडी..??? शायद सिर्फ मेरा अनुमान ही है कि शायद पहले कुछ तल्ख़ टिप्पणियाँ थी भावावेग में ...<br />---- शांतिपूर्वक पुनर्विचार अच्छी बात है एवं अच्छा गुण भी है...<br /><br />तल्ख़ टिप्पणियों से नहीं,डरें आप श्रीमान| <br />सोच-समझ,शुचिज्ञान का,रखिये समुचित मान| ........ डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-36196608079251356472012-11-02T10:22:21.379+05:302012-11-02T10:22:21.379+05:30वैसे वादन व गायन में ..ह को दबा कर पढ़ा जाता है अतः...वैसे वादन व गायन में ..ह को दबा कर पढ़ा जाता है अतः मात्रा संयोजन होजाता है ...डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-41500645884910298392012-11-02T10:15:45.750+05:302012-11-02T10:15:45.750+05:30आप लोगों की अनुमति मिल गई तो एक दोहा मैं भी प्रस्त...<b>आप लोगों की अनुमति मिल गई तो एक दोहा मैं भी प्रस्तुत करना चाहता हूँ दिवाली स्पेशल पोस्ट में।</b> <br /><br />दिवाली स्पेशल पोस्ट में तो करें ही साथ में विनम्र अनुरोध है( बाध्यता नहीं)- अभी के आयोजन की समाप्ति भी अपने चमत्कृत करने वाले दोहों के साथ ही करें...सोरठे तो शानदार थे!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-44411912013447103222012-11-02T10:08:40.524+05:302012-11-02T10:08:40.524+05:30-- मेरे विचार से मात्रा-नियमानुसार ..संयुक्ताक्षर ...-- मेरे विचार से मात्रा-नियमानुसार ..संयुक्ताक्षर से पहले वाला लघु दीर्घ माना जाता है ...एवं संयुक्ताक्षर स्वयं अपने स्वरूपानुसार... अतः...<br /><br />उन्हीं= २+२ =४ मात्रा(=मूल शब्द उनही=१+१+२=४) <br /><br />तुम्हीं(= मूल शब्द तुमही) = २+२ = ४ मात्रा <br /><br />---किसी भी भांति लिखें ४ मात्राएँ ही रहेंगी |डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-42684916726677722142012-11-02T10:02:21.906+05:302012-11-02T10:02:21.906+05:30नवीन जी की गज़ल पर...........
भाव-प्रवण आवाज है,क्य...नवीन जी की गज़ल पर...........<br />भाव-प्रवण आवाज है,क्यों होते गमगीन<br />गज़ल हृदय को छू गई,आदरणीय नवीन ||<br />अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-59962143528728617432012-11-02T09:56:26.000+05:302012-11-02T09:56:26.000+05:30सीख
दूध फटा तो सुख मना, भूल बिदेसन चाय
फ़ौरन छेना ...सीख<br />दूध फटा तो सुख मना, भूल बिदेसन चाय<br />फ़ौरन छेना छान कर, रसगुल्ले बनवाय<br />*******************************<br />दुख कपूर बन जात है,अच्छा अच्छा सोच |<br />सुख की राह तलाशने, हो निर्णय में लोच ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-14064718157337994082012-11-02T09:46:58.060+05:302012-11-02T09:46:58.060+05:30हास्य-व्यंग्य
इम्तहान की कापियाँ, गैया गई चबाय
गुर...हास्य-व्यंग्य<br />इम्तहान की कापियाँ, गैया गई चबाय<br />गुरुजी गोबर देखकर, नम्बर रहे बनाय<br />****************************<br />सुंदर देशज हास्य पर ,लियो बधाई मित्र |<br />हँसी अधर पर आ गई,खींचा खाँटी चित्र ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-33933942205991819682012-11-02T09:23:02.950+05:302012-11-02T09:23:02.950+05:30आश्चर्य
संसद में पारित हुई, कुछ ऐसी तरक़ीब
दौलत अप...आश्चर्य<br />संसद में पारित हुई, कुछ ऐसी तरक़ीब<br />दौलत अपनी बाँट के, नेता हुए ग़रीब<br />****************************<br />अपना सबकुछ बाँट कर,जन-सेवा का काम !<br />अब भी सपने देखते , तुम्हें बचाये राम !!<br />अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-24552970454518964962012-11-02T09:16:19.014+05:302012-11-02T09:16:19.014+05:30ठेस / टीस
जिन की ख़ातिर मैं मरा, मिले उन्हीं से शू...ठेस / टीस<br />जिन की ख़ातिर मैं मरा, मिले उन्हीं से शूल<br />चन्दन अपने पास रख, मुझ को दिये बबूल<br />********************************<br />अपने ही देते रहे,मन को गहरी चोट |<br />रिश्तों पर भारी हुए ,सोना,चाँदी नोट ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-59693659107794358762012-11-02T08:46:17.616+05:302012-11-02T08:46:17.616+05:30ठाले बैठे मंच पर , स्वागत मेरे भ्रात |
सुंदर दोहों...ठाले बैठे मंच पर , स्वागत मेरे भ्रात |<br />सुंदर दोहों में कही,विविध रंग की बात ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-39478196014820803602012-11-02T08:37:15.951+05:302012-11-02T08:37:15.951+05:30उमाशंकर मिश्र जी, आनंद आया आपके दोहों को पढ़कर।
अच्...उमाशंकर मिश्र जी, आनंद आया आपके दोहों को पढ़कर।<br />अच्छा लिखते हैं आप।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.com