tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post6995585408633760602..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: चौथी समस्या पूर्ति - घनाक्षरी - रात भर बदली की ओट से निहारता हैwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-88454501608661634592011-07-01T19:01:03.707+05:302011-07-01T19:01:03.707+05:30सारे ही छंद एक से बढ़ कर एक हैं ! शेखर जी ने खूब सि...सारे ही छंद एक से बढ़ कर एक हैं ! शेखर जी ने खूब सिक्का जमाया है अपना उन्हें बहुत सारी बधाई एवं शुभकामनाएं !Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-70145035702390695412011-07-01T19:26:40.922+05:302011-07-01T19:26:40.922+05:30Wah...बधाई एवं शुभकामनाएं !मौत की आग़ोश में जब थक क...Wah...<br>बधाई एवं शुभकामनाएं !<br><br><a href="http://pyarimaan.blogspot.com/2011/02/mother.html" rel="nofollow"><b>मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ<br>तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ<br><br>फ़िक्र में बच्चे की कुछ इस तरह घुल जाती है माँ<br>नौजवाँ होते हुए बूढ़ी नज़र आती है माँ<br><br>रूह के रिश्तों की गहराईयाँ तो देखिए<br>चोट लगती है हमारे और चिल्लाती है माँ</b></a>DR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-77337598506821718952011-07-01T19:46:02.684+05:302011-07-01T19:46:02.684+05:30प्राचीन पद्धति में नए विम्ब... बहुत सुन्दर...प्राचीन पद्धति में नए विम्ब... बहुत सुन्दर...अरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-8794346750583828652011-07-01T19:50:10.387+05:302011-07-01T19:50:10.387+05:30तीनों ही छंद शेखर जी की कलम की जादूगरी का नमूना है...तीनों ही छंद शेखर जी की कलम की जादूगरी का नमूना हैं। बहुत बहुत बधाई उन्हें इन शानदार घनाक्षरी छंदों के लिए।धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’http://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-60138985229058268492011-07-01T20:53:45.138+05:302011-07-01T20:53:45.138+05:30वाह, क्या कहने...शेखर चतुर्वेदी जी के छंद बहुत सुं...वाह, क्या कहने...<br>शेखर चतुर्वेदी जी के छंद बहुत सुंदर लगे।<br>उन्हें बधाइयां और शुभकामनाएं।mahendra vermahttp://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-88827332014394304522011-07-01T21:19:04.190+05:302011-07-01T21:19:04.190+05:30शेखर जी के सभी छंदबहुत अच्छे बन पड़े है |बधाई और शु...शेखर जी के सभी छंदबहुत अच्छे बन पड़े है |बधाई और शुभ कामनाएं <br>नवीन जी आपका आभार ऐसी रचनाएँ पढवाने के लिए <br>आशाआशाhttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-91930877905405376762011-07-01T23:28:32.760+05:302011-07-01T23:28:32.760+05:30तीनों घनाक्षरियाँ बहुत सुन्दर .....रस,छंद,अलंकार, ...तीनों घनाक्षरियाँ बहुत सुन्दर .....<br><br>रस,छंद,अलंकार, प्रवाह युत .....सुरेन्द्र सिंह " झंझट "http://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-29885731182133363342011-07-02T08:14:04.991+05:302011-07-02T08:14:04.991+05:30शेखरजी को इतने श्रेष्ठ छंदों के लिए बधाई।शेखरजी को इतने श्रेष्ठ छंदों के लिए बधाई।ajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-63096012437574798612011-07-02T17:15:31.580+05:302011-07-02T17:15:31.580+05:30शब्द जाल फैंक तूं मन भरमाया है ।सुन्दर लय ताल भाव ...शब्द जाल फैंक तूं मन भरमाया है ।<br>सुन्दर लय ताल भाव ,अधर अंगार ,नैन कटारी और क्या चाहिए मौत का पूरा सामान हो गया .veerubhaihttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-6609086770779725522011-07-02T23:35:11.247+05:302011-07-02T23:35:11.247+05:30रात भर बदली की ओट से निहारता हैदेख तेरी सुन्दरता च...<b>रात भर बदली की ओट से निहारता है<br>देख तेरी सुन्दरता चांद भी लजाया है </b> <br><b> </b> आहाऽऽह ! हम स्वर्णकला कार्य करने वाले जब पूरे मनोयोग से कुंदन जड़ाई करते हैं तो हीरा <b>कंवळ हीरे </b> जैसा लगने लगता है । <br><br>आपने गिरह में ऐसा ही कमाल किया है … बहुत बहुत बधाई मेरे दोस्त <b>शेखर चतुर्वेदी जी</b>! ऐसे ही काव्य-सृजन में प्रगति-पथ पर अग्रसर होते जाइए …<br><br><b> नवीन जी</b> आपकीRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttp://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-73414726868128608052011-07-03T12:14:01.615+05:302011-07-03T12:14:01.615+05:30रात भर बदली की ओट से निहारता हैदेख तेरी सुन्दरता च...रात भर बदली की ओट से निहारता है<br>देख तेरी सुन्दरता चांद भी लजाया है <br> वाह बेहतरीन , कमाल , लाजवाब। शेखर जी को बहुत बहुत बधाई।निर्मला कपिलाhttp://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-14883378016813209702011-07-03T13:50:19.829+05:302011-07-03T13:50:19.829+05:30आभार ||आभार ||रविकरhttp://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-43952212812709756302011-07-04T11:25:52.677+05:302011-07-04T11:25:52.677+05:30आदरणीय शारदा जी , डॉ. अनवर , अरुण जी , धर्मेन्द्र ...आदरणीय शारदा जी , डॉ. अनवर , अरुण जी , धर्मेन्द्र भाई, महेंद्र वर्मा जी, आशा जी, झंझट साब, अजित जी, स्वर्णकार जी, निर्मला जी एवं रविकर जी आप सब गुणी जनों का हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !!Shekhar Chaturvedinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-60139515297845853082011-07-04T11:29:15.639+05:302011-07-04T11:29:15.639+05:30वीरू भाई ! सही में मौत का सामान तैयार हो गया !! आप...वीरू भाई ! सही में मौत का सामान तैयार हो गया !! आप ने पक्तियों को इतनी गहराई से पढ़ा आपका शुक्रिया !!!Shekhar Chaturvedinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-55981968005392487092011-07-04T12:20:37.817+05:302011-07-04T12:20:37.817+05:30लाजवाब छंद हैं सारे ...लाजवाब छंद हैं सारे ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-46885358151691808652011-07-04T14:52:09.406+05:302011-07-04T14:52:09.406+05:30कहीं अनमोल रिश्ते-नाते नहीं छुट जाएँ,राजनीति का अख...कहीं अनमोल रिश्ते-नाते नहीं छुट जाएँ,<br>राजनीति का अखाडा, घर न बनाइये||<br>................ वर्तमान परिपेक्ष्य में बिलकुल समीचीन अभिव्यक्ति .......प्रदीप सिंह चौहानhttp://www.facebook.com/#!/profile.php?id=100000223574709noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-1836116986584673282011-07-04T16:28:26.633+05:302011-07-04T16:28:26.633+05:30प्रतिभा उम्र की मोहताज़ नहीं होती...ये बात आज युवा...प्रतिभा उम्र की मोहताज़ नहीं होती...ये बात आज युवा शेखर के छन्द पढ़ कर पुख्ता हो गयी...सारे के सारे छंद अनूठे हैं और इशारा कर रहे हैं के इस युवा कवि का बहुत उज्जवल भविष्य है...शुभकामनाओं सहित<br><br>नीरजनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30254302965769039522011-07-05T10:27:41.445+05:302011-07-05T10:27:41.445+05:30दिगम्बर जी , चौहान साब आपका बहुत शुक्रिया !! आपने ...दिगम्बर जी , चौहान साब आपका बहुत शुक्रिया !! आपने छंद पढ़कर पसंद किये !!<br>नीरज जी ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद की आपने इतनी हौसला अफजाई की | आपकी शुभकामनाओं का आभार !!Shekhar Chaturvedinoreply@blogger.com