tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post5619198082125222869..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: फागुन आया है सखी, नाचे मन का मोर - खुर्शीद खैराड़ीwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-15912157150175766972014-03-26T10:57:38.075+05:302014-03-26T10:57:38.075+05:30आ. मयंक भाईसाहब
आपका आशीर्वाद मेरे लिए अनमोल है |...आ. मयंक भाईसाहब <br />आपका आशीर्वाद मेरे लिए अनमोल है |<br />सादर आभार ख़ुरशीद खैराड़ीhttps://www.blogger.com/profile/01886340266599269733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-79568437077060919262014-03-14T12:28:43.088+05:302014-03-14T12:28:43.088+05:30इतने रंगीन दोहे !!! वाह !! क्या शब्द चित्र हैं – फ...इतने रंगीन दोहे !!! वाह !! क्या शब्द चित्र हैं – फागुनी रंग में पाठक को डुबो देने वाले – होली का उल्लास और इस त्यौहार के सर्वकालीन चित्र जिस असर के साथ शब्दों में उतर आये हैं उसके लिये दोहाकार की सामर्थ्य को शत शत नमन !!! श्याम, जेठ और जीजा साली के दोहे तो पसमंज़र में भी बहुत कुछ कह गये !! --मयंक Mayank Awasthihttps://www.blogger.com/profile/16120430247055660504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-81859341156799587042014-03-03T11:59:57.864+05:302014-03-03T11:59:57.864+05:30आ.आशा जी सादर आभार आ.आशा जी सादर आभार ख़ुरशीद खैराड़ीhttps://www.blogger.com/profile/01886340266599269733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30833790596252205572014-03-02T13:11:16.106+05:302014-03-02T13:11:16.106+05:30
जीजा साली साथ में, खेल रहे हैं फाग
तन रँगना तुम प...<br />जीजा साली साथ में, खेल रहे हैं फाग<br />तन रँगना तुम प्रेम से, मन रखना बेदाग़ ............क्या प्रस्तुति है होली पे asha sharma dohroohttps://www.blogger.com/profile/16917273932974432735noreply@blogger.com