tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post4466155183279746133..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: आओ बतियाएँ हरिगीतिका छंद परwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-68709292761059848692011-09-10T10:26:12.537+05:302011-09-10T10:26:12.537+05:30प्रिय बंधु यह आप एक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. आज ...प्रिय बंधु यह आप एक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. आज की पीढ़ी के जो कवि आ रहे हैं उन्हें इन बातों की कोई जानकारी नहीं होगी. आपका यह काम देर और दूर तक याद किया जायेगा. बधाई.shatdalhttp://www.blogger.com/profile/17219450004242176903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-38657243601077366832011-09-10T13:15:30.382+05:302011-09-10T13:15:30.382+05:302212, 22122, 212, 2212 ही केवल एकमात्र विकल्प है ...2212, 22122, 212, 2212 ही केवल एकमात्र विकल्प है अथवा प्रत्येक चरण में १६+१२=२८ मात्रा, १६ वीं मात्र पर यति [बोलते हुए रुकने का क्रम], प्रत्येक चरण के अंत में लघु गुरु अनिवार्य का नियम पालन करते हुए अन्य विकल्प भी हो सकते हैं।तिलक राज कपूरhttp://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-34118028683191662022011-09-10T21:45:56.492+05:302011-09-10T21:45:56.492+05:30बहुत महत्वपूर्ण और काम की जानकारीबहुत महत्वपूर्ण और काम की जानकारीडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttp://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-12554364819602081682011-09-10T22:21:01.005+05:302011-09-10T22:21:01.005+05:30काव्य की इतनी विशद् एवं महत्वपूर्ण जानकारी देने के...काव्य की इतनी विशद् एवं महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये आपकी जितनी सराहना की जाये कम होगी ! कविता की बारीकियां सीखने के लिये उत्सुक जिज्ञासु पाठक सदैव आपके आभारी रहेंगे !Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-21431726794782603022011-09-10T22:50:52.014+05:302011-09-10T22:50:52.014+05:30बहुत उम्दा जानकारी मिली हरिगीतिका छन्द के बारे में...बहुत उम्दा जानकारी मिली हरिगीतिका छन्द के बारे में...कुछ अनियमित हो चला था..अब प्रयास करता हूँ कि नियमित आ सकूँ.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-62985710066722472652011-09-10T23:33:23.454+05:302011-09-10T23:33:23.454+05:30मात्रिक छंदों में वर्णों का क्रम निर्धारित नहीं हो...मात्रिक छंदों में वर्णों का क्रम निर्धारित नहीं होता केवल कुल मात्राओं, यति तथा चरणांत में लघु गुरु का क्रम ही निर्धारित होता है। इसलिए १६+१२=२८ मात्रा वाला छंद जिसके अंत में लघु गुरु आए हरिगीतिका होगा। सबसे आसान है<br><br>हरिगीतिका हरिगीतिका हरि, गीतिका हरिगीतिका<br>हरिगीतिका हरिगीतिका हरि, गीतिका हरिगीतिका<br>हरिगीतिका हरिगीतिका हरि, गीतिका हरिगीतिका<br>हरिगीतिका हरिगीतिका हरि, गीतिका हरिगीतिकाधर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’http://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-84806685303627761762011-09-11T06:56:01.236+05:302011-09-11T06:56:01.236+05:30बहुत उत्तम जानकारी दी है आपने आभार |आशाबहुत उत्तम जानकारी दी है आपने आभार |<br>आशाआशाhttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-59254494247734153182011-09-11T11:27:51.959+05:302011-09-11T11:27:51.959+05:30वाह नवीन जी ... मज़ा आ गया इस छंद की व्याख्या पढ़ ...वाह नवीन जी ... मज़ा आ गया इस छंद की व्याख्या पढ़ के ... लाजवाब है ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-2381377531718256682011-09-12T08:23:25.595+05:302011-09-12T08:23:25.595+05:30अब तक की उपलब्धि का सिंहावलोकन पढ़ कर अच्छा लगा। ह...अब तक की उपलब्धि का सिंहावलोकन पढ़ कर अच्छा लगा। <br>हरिगीतिका की अच्छी जानकारी।mahendra vermahttp://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-56726098043105645832011-09-13T17:09:31.442+05:302011-09-13T17:09:31.442+05:30आ. तिलक जी - यह मात्रिक छन्द ही है| परंतु इस में ल...आ. तिलक जी - यह मात्रिक छन्द ही है| परंतु इस में लय की प्रधानता है| चूँकि हम वर्चुअल दुनिया में रहते हुए काम कर रहे हैं, इस लिए धुन भी लोगों को टेक्स्ट के द्वारा ही समझाई जानी है, इसलिए 'ला ला ल ला' वाला रास्ता बेहतर लगता है| भाई आप का फ़ोन नंबर शायद बदल गया है क्या?<br><br>धर्मेन्द्र भाई आप ने इच्छुक छन्द प्रेमियों का काम और भी आसान कर दिया है|<br><br>साधना जी ने तो होमवर्क चालू भी कर Navin C. Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-76785413941744400322011-09-14T14:52:11.642+05:302011-09-14T14:52:11.642+05:30भाई नवीन जी,भारतीय सनातन छंदों को पुन: लोकप्रिय बन...भाई नवीन जी,<br><br>भारतीय सनातन छंदों को पुन: लोकप्रिय बनाने ओर पुन:प्रतिष्ठित करने का आपका यह जो प्रयास है, उसकी प्रशंसा मैं पहले भी कर चुका हूँ, ओर एक बार पुन: आपको दिल से सादर साधुवाद देता हूँ ! छंदों में लिखने की प्रेरणा मुझे आपसे ओर आचार्य संजीव सलिल जी के नोट्स पढ़कर ही प्राप्त हुई, इसका एतराफ भी मैं पहले कर चुका हूँ ! हरिगीतिका चंद के शिल्प को हम सब के साथ साझा करके आपने जो वन्दनीय कार्यYograj Prabhakarhttp://www.blogger.com/profile/08110021103580620658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-44826689519858449372011-09-15T10:01:27.294+05:302011-09-15T10:01:27.294+05:30प्रवास पर थी, इसलिए आज आने पर सबसे पहले इसी पोस्ट...प्रवास पर थी, इसलिए आज आने पर सबसे पहले इसी पोस्ट को पढा गया। प्रश्नों के उत्तर बाद में दूंगी। बस आपका प्रयास हमें बहुत कुछ सीखने का देता है। आभार।ajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-50291719996663615792011-09-15T10:51:32.630+05:302011-09-15T10:51:32.630+05:30देखी रचना ताज़ी ताज़ी --भूल गया मैं कविताबाजी |चर्चा...देखी रचना ताज़ी ताज़ी --<br>भूल गया मैं कविताबाजी |<br>चर्चा मंच बढाए हिम्मत-- -<br>और जिता दे हारी बाजी |<br>लेखक-कवि पाठक आलोचक <br>आ जाओ अब राजी-राजी-<br>क्षमा करें टिपियायें आकर <br>छोड़-छाड़ अपनी नाराजी ||<br>http://charchamanch.blogspot.com/रविकरhttp://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-21151951200972568382011-09-16T09:06:59.637+05:302011-09-16T09:06:59.637+05:30बढ़िया। छन्दों का ज्ञान देकर अच्छा काम हो रहा है। ...बढ़िया। छन्दों का ज्ञान देकर अच्छा काम हो रहा है। धन्यवाद।चंदन कुमार मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-84761514056655745782011-09-16T15:40:18.068+05:302011-09-16T15:40:18.068+05:30कनक कोट बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना।१२ २२ २ २ २...कनक कोट बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना।<br>१२ २२ २ २ २१, २१२ २२१२<br>चउहट्ट हट्ट सुबट्ट बीथीं चारु पुर बहु बिधि बना।।<br>२२१२ २२१२ २, २१२ २२१२ <br>गज बाजि खच्चर निकर पदचर रथ बरूथिन्ह को गनै।।<br>२२१२ २१२२ २, २१२ २२१२<br>बहुरूप निसिचर जूथ अतिबल सेन बरनत नहिं बनै।।<br>२२१२ २२१२ २, २१२२ २१२<br><br><br>बन बाग उपबन बाटिका सर कूप बापीं सोहहीं।<br>२२१२ २२१२ २, २१२ २२१२<br>नर नाग सुर गंधर्ब कन्या रूप धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’http://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-46071715137297587132011-09-16T17:56:25.446+05:302011-09-16T17:56:25.446+05:30स्तुत्य कार्य ...अन्य भाषाओँ /बोलियों के छंद कवि क...स्तुत्य कार्य ...<br>अन्य भाषाओँ /बोलियों के छंद कवि की समस्यापूर्ति पोस्ट के साथ ही प्रकाशित करें न कि अंत में |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "http://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-12072087710303304432011-09-18T00:40:00.896+05:302011-09-18T00:40:00.896+05:30मंच और यहाँ सक्रीय सभी छंद प्रेमियों को आगामी सत्र...मंच और यहाँ सक्रीय सभी छंद प्रेमियों को आगामी सत्र की शुभकामनाएं, <br>हार्दिक धन्यवाद व पिछले सत्र के लिए बधाई <br><br>आभारवीनस केशरीhttp://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-53107703403781399142011-09-18T20:35:23.608+05:302011-09-18T20:35:23.608+05:30अब तो इस कक्षा में मैं भी शामिल हो गया गुरु जी। बह...अब तो इस कक्षा में मैं भी शामिल हो गया गुरु जी। बहुत आनंद आ रहा है।मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-18923071883410483012011-09-19T09:55:15.085+05:302011-09-19T09:55:15.085+05:30आ. मनोज भाई साब, प्रणाम।जैसा कि मैं पहले भी सभी से...आ. मनोज भाई साब, प्रणाम।<br><br>जैसा कि मैं पहले भी सभी से निवेदन करता रहा हूँ कि अपने गुरु जी से प्राप्त एवं तदनंतर अन्य गुणी जनों से अर्जित ज्ञान को साहित्य रसिकों के साथ साझा करने का एक प्रयास मात्र है यह। साथ ही आप लोगों के अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित भी हो रहा हूँ मैं। फिर तो यह परस्पर ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ, इस में न कोई गुरु और न कोई चेला - हम सब तो इस साहित्य मेला का आनंद ले रहे हैं।<brNavin C. Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-21864685432954596882011-09-25T12:24:11.365+05:302011-09-25T12:24:11.365+05:30कनक कोट बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना।१२ २२ २ २ २...कनक कोट बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना।<br>१२ २२ २ २ २१, २१२ २२१२ = 26 मात्रा <br><br>तुलसी कृत रामचरित मानस के सुंदर काण्ड से उद्धृत इस उदाहरण के इस चरण की कुल मात्रा गणना 26 आ रही है। वर्षों से गीता प्रेस गोरखपुर यही छापती जा रही है और हम आप सब इसे बिंदास पढ़ते भी जा रहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास जैसे अद्भुत प्रतिभा के धनी से इस तरह की भूल के बारे में सोचना भी अपराध होगा। यह तो टाइपिंग मिस्टेक लगतीNavin C. Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-29658815130963793432011-09-28T08:58:31.946+05:302011-09-28T08:58:31.946+05:30सुन्दर !सुन्दर !रविकरhttp://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-72119848937494342452011-09-29T14:20:10.901+05:302011-09-29T14:20:10.901+05:30सुंदर प्रयास ...बधाई ...सुंदर प्रयास ...बधाई ...डा. श्याम गुप्तhttp://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.com