tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post3153590525605573993..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: शिव स्तुति - यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'www.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-61148592253578378162012-05-15T06:56:49.353+05:302012-05-15T06:56:49.353+05:30सुन्दर प्रस्तुति...हार्दिक बधाई...सुन्दर प्रस्तुति...हार्दिक बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-66142901931429037982012-05-10T16:06:03.966+05:302012-05-10T16:06:03.966+05:30शिव शंकर महादेव तेरी जय हो - कविराज श्री प्रीतम जी...शिव शंकर महादेव तेरी जय हो - कविराज श्री प्रीतम जी आज भी अपनी रचनाओं के साथ पाठकों के ह्रदय में विराजमान है | नविन भाईसाहब आपको पोस्ट करने हेतु सादर आभारMadhuranhttps://www.blogger.com/profile/14145525178075695281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-26296858928429590522012-05-08T23:13:39.025+05:302012-05-08T23:13:39.025+05:30अद्भुत रचना से अवगत करने के लिए धन्यवाद. अब ऐसे ले...अद्भुत रचना से अवगत करने के लिए धन्यवाद. अब ऐसे लेखक मिलते नहीं. जो हैं, उन्हें कोई पूछता नहीं.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-10716776760680328942012-05-04T11:41:57.938+05:302012-05-04T11:41:57.938+05:30अद्भुत ! आलौकिक ! दिव्य !!!अद्भुत ! आलौकिक ! दिव्य !!!शेखर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/03570068972021024352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-48723115765719180972012-05-03T17:33:48.247+05:302012-05-03T17:33:48.247+05:30आलोकिक आनंद की अनुभूति ... काव्य जैसे रस गंगा सा ब...आलोकिक आनंद की अनुभूति ... काव्य जैसे रस गंगा सा बह रहा है ... बहुत कहू इस प्रस्तुति के लिए आभार नवीन जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-80175318415745842952012-05-03T17:22:19.851+05:302012-05-03T17:22:19.851+05:30काव्य का अप्रतिम प्रवाह लिये आनंदमय प्रस्तुति।काव्य का अप्रतिम प्रवाह लिये आनंदमय प्रस्तुति।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-91367361626494135402012-05-01T17:01:55.893+05:302012-05-01T17:01:55.893+05:30अनुपम स्तुति.
सादर नमन.अनुपम स्तुति.<br />सादर नमन.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-74600695638993657942012-05-01T16:47:26.422+05:302012-05-01T16:47:26.422+05:30मैं तो मंत्रमुग्ध सी इसे पढ़ती चली गई|
गुरूदेव को ...मैं तो मंत्रमुग्ध सी इसे पढ़ती चली गई|<br />गुरूदेव को हार्दिक नमन!!<br />इतनी सुंदर कृति को शेयर करने के लिए आभार!!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-65407098964654713952012-05-01T13:44:11.249+05:302012-05-01T13:44:11.249+05:30प्रातःस्मरणीय यमुना प्रसाद चतुर्वेदी ’प्रीतम’ की छ...प्रातःस्मरणीय यमुना प्रसाद चतुर्वेदी ’प्रीतम’ की छांदसिक वरिष्ठता अभिभूत कर गयी. आपके प्रयुक्त शब्द वस्तुतः अक्षर सदृश कालजयी तथा सार्वभौमिक हैं. <br />छंद की पंक्तियों में अलंकृत शब्दावलियाँ छंद-गायन के क्रम में स्वतः ही रोम-रोम में शिवत्त्व-भाव की स्थापना करती हुई झंकृत होती जाती हैं. रचना में गेयता का स्तर इतना ऊँचा है कि स्वराघात के क्रम में <b>आहत</b> का अनुनाद और फिर पंक्तियों की पूर्णता परSaurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-80433403241084246362012-04-30T15:15:04.672+05:302012-04-30T15:15:04.672+05:30इस अद्भुत एवं अनुपम शिव स्तुति को पढ़वाने के लिये आ...इस अद्भुत एवं अनुपम शिव स्तुति को पढ़वाने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद नवीन जी ! <br />आपकी साहित्य साधना को मेरा नमनDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-26381772646342937712012-04-30T14:22:44.967+05:302012-04-30T14:22:44.967+05:30बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !Arvind Jangidhttps://www.blogger.com/profile/02090175008133230932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-6866071513828522482012-04-29T21:47:17.782+05:302012-04-29T21:47:17.782+05:30वाह नवीन जी क्या ध्वन्यात्मक छंद है पाठ करते हुए ब...वाह नवीन जी क्या ध्वन्यात्मक छंद है पाठ करते हुए बदन में सिहरन उतर जाना स्वाभाविक है शब्द जैसे सितार सा झंकृत कर मुग्ध कर लेते हैंAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08928212793008107322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-53234920595374482352012-04-29T20:36:21.871+05:302012-04-29T20:36:21.871+05:30सुंदर प्रस्तुति.....सुंदर प्रस्तुति.....Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-18784433504714720332012-04-29T19:14:42.395+05:302012-04-29T19:14:42.395+05:30वाह, अद्भुत रचना।
अलंकारों और ध्वनि सूचक शब्दों ने...वाह, अद्भुत रचना।<br />अलंकारों और ध्वनि सूचक शब्दों ने छंदों की शोभा बढ़ा दी है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-45496490986377561692012-04-29T18:53:01.239+05:302012-04-29T18:53:01.239+05:30बहुत ही अच्छी स्तुति है सर!
सादरबहुत ही अच्छी स्तुति है सर!<br /><br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-11500626685918705542012-04-29T16:50:45.987+05:302012-04-29T16:50:45.987+05:30इस अद्भुत एवं अनुपम शिव स्तुति को पढ़वाने के लिये आ...इस अद्भुत एवं अनुपम शिव स्तुति को पढ़वाने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद नवीन जी ! इस अप्रतिम रचना का काव्य सौष्ठव देखते ही बनता है ! कमाल का सृजन है ! आभार आपका !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-90556905447550711672012-04-29T15:24:30.140+05:302012-04-29T15:24:30.140+05:30श्रद्धेय यमुना प्रसाद चतुर्वेदी ki यह रचना काव्य-प...श्रद्धेय यमुना प्रसाद चतुर्वेदी ki यह रचना काव्य-प्रवाह ka उत्कृष्ट नमूना है साथ ही हरिगीतिका छंद ka संग्रहनीय उदाहरण ...प्रिय मित्र नवीन जी अपने गुरूजी के कृतित्व से परिचय कराने हेतु आपका आभार .......डॉ.ब्रिजेशDr.Brijeshhttps://www.blogger.com/profile/03857665600833546076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-3334984152725391152012-04-29T13:02:33.336+05:302012-04-29T13:02:33.336+05:30ई मेल द्वारा प्राप्त टिप्पणी
sn Sharma
11:50 AM ...ई मेल द्वारा प्राप्त टिप्पणी<br /><br />sn Sharma <br />11:50 AM (1 hour ago) <br />to me<br />आ० नवींन जी , <br />आ० स्व० श्री यमुना पसाद चतुर्वेदी द्वारा रचित शिव स्तुति पढ़ कर<br />आनंद आ गया | कृपया इसे मेरी मेल पर भेजने का कष्ट करे |<br />आभारी रहूँगा |<br />सादर<br />कमलwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-86111400545519079872012-04-29T12:51:38.038+05:302012-04-29T12:51:38.038+05:30अद्भुद आनंद मिला इस स्तुति को पढ़ कर... बहुत सुन्दर...अद्भुद आनंद मिला इस स्तुति को पढ़ कर... बहुत सुन्दर...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-41968906050748443192012-04-29T12:14:54.761+05:302012-04-29T12:14:54.761+05:30शिवमय हो गए आज तो ...बहुत सुंदर छंदशिवमय हो गए आज तो ...बहुत सुंदर छंदसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-5500251345899796452012-04-29T11:32:54.977+05:302012-04-29T11:32:54.977+05:30ज्यों गूंगेहि मीठे फ़ल कौ रस अन्तरगत ही भावै..ज्यों गूंगेहि मीठे फ़ल कौ रस अन्तरगत ही भावै..डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-3314401995898153392012-04-29T11:11:07.225+05:302012-04-29T11:11:07.225+05:30बहुत सुन्दर वाह!
आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिन...बहुत सुन्दर वाह!<br />आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 30-04-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच-865</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-50852516593698436642012-04-29T10:40:30.521+05:302012-04-29T10:40:30.521+05:30हर हर महादेव!!!!
सुंदर प्रस्तुति.....
सादर.हर हर महादेव!!!!<br /><br />सुंदर प्रस्तुति.....<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30199142755993347602012-04-29T10:04:06.591+05:302012-04-29T10:04:06.591+05:30ॐ नमः शिवाय !
परम श्रद्धेय श्री यमुना प्रसाद जी च...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />ॐ नमः शिवाय !</a></b><br /><br /><b>परम श्रद्धेय श्री यमुना प्रसाद जी चतुर्वेदी 'प्रीतम'</b> द्वारा हरिगीतिका छंद में रचित शिव स्तुति पढ़ने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए <br /><b><i>परम प्रिय मित्र आदरणीय नवीन जी</i></b> के प्रति हृदय से आभारी हूं ।<br />नमन !<br /><b> </b>चारों छंदों की ध्वन्यात्मकता और प्रवाह देखते ही Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-4150631109877630162012-04-29T10:00:14.586+05:302012-04-29T10:00:14.586+05:30काव्य का अद्भुत प्रवाह..काव्य का अद्भुत प्रवाह..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com