tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post1548986148500614288..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: तीसरी समस्या पूर्ति - कुण्डलिया - पहली किश्तwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-25387338479827966402011-04-12T10:42:52.256+05:302011-04-12T10:42:52.256+05:30महेंद्र जी को और तिलकराज जी को बेहतरीन कुंडलियों क...महेंद्र जी को और तिलकराज जी को बेहतरीन कुंडलियों की बधाई.<br>समीर जी की कुंडलियों को बहुत परिमार्जन की ज़रुरत है.<br>इनकी दूसरी कुण्डली का निम्न दोहा ही देख लीजिये ,तुक ही नहीं बैठ रहा है. <br>कंप्युटर के सामने, बैठो पाँव पसार|<br>समाचार सब बांचियें, पत्नि न पाये भाँप||<br>आपतो कुंडलियों के धुरंधर हैं,देख लीजिये.Kunwar Kusumeshhttp://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-51810529087622486172011-04-12T12:06:20.798+05:302011-04-12T12:06:20.798+05:30सबसे पहले मैं खेद व्यक्त करता हूँ इस गंभीर भूल के ...सबसे पहले मैं खेद व्यक्त करता हूँ इस गंभीर भूल के लिए और मुझे खुशी है कि कुँवर जी ने 'ग़लती' को पकड़ा| समीर भाई से संपर्क होने तक उन की उक्त कुंडली को हटा दिया है| आशा करता हूँ कि हमारे अग्रज इसी तरह हमारी भूलों को दुरुस्त करवाने के साथ साथ छन्द साहित्य की सेवा में जुड़ी इस पीढ़ी का उत्साह वर्धन भी करते रहेंगे|Navin C. Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-7050039440004738482011-04-12T12:41:34.373+05:302011-04-12T12:41:34.373+05:30कुंडलियों की पहली खेप शानदार है। महेंद्र जी, तिलक ...कुंडलियों की पहली खेप शानदार है। महेंद्र जी, तिलक जी और समीर जी को बहुत बहुत बधाईधर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’http://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-26739977693379931942011-04-12T15:21:33.627+05:302011-04-12T15:21:33.627+05:30पहली ही कुंडलिया छापने योग्य पा ली गयी, आभार।महेन...पहली ही कुंडलिया छापने योग्य पा ली गयी, आभार।<br>महेन्द्र वर्मा जी को पहली बार पढ़ा, धँआधार कुडलिया लिखते हैं। आनन्द आ गया।<br>समीर भाई; आपकी तो खैरियत नहीं, अगली बार भारत आओगे तो एयरपोर्ट से ही लौटा दिये जाओगे अगर ऐसे ही पोल खोलते रहे।तिलक राज कपूरhttp://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-27874938112491065792011-04-12T15:51:26.173+05:302011-04-12T15:51:26.173+05:30मेरी कुंडलियों को स्थान देने के लिए आभार, नवीन जी ...मेरी कुंडलियों को स्थान देने के लिए आभार, नवीन जी ।mahendra vermahttp://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-34487547541353426392011-04-12T17:04:40.082+05:302011-04-12T17:04:40.082+05:30@ कुंवर कुशमेश जीजल्दबाजी में जो कुंडली लग गई, उस ...@ कुंवर कुशमेश जी<br><br>जल्दबाजी में जो कुंडली लग गई, उस में निश्चित ही तुक नहीं बैठ रहा और आपने इस ओर इंगित किया, बहुत आभार.<br><br>कुछ और प्रयास करके पुनः प्रेषित करता हूँ.<br><br>आपके मार्गदर्शन की सदैव आवश्यक्ता होगी और उसका हृदय से स्वागत है.<br><br>इस तरह कुछ बेहतर करने का मार्ग प्रशस्त होता है, बहुत आभार और साधुवाद आपका.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-42925711813296362702011-04-12T17:06:58.419+05:302011-04-12T17:06:58.419+05:30महेन्द्र जी और तिलक जी की कुंडलियाँ पढ़कर आनन्द आ ...महेन्द्र जी और तिलक जी की कुंडलियाँ पढ़कर आनन्द आ गया.<br><br>इन दिग्गजों के बीच खुद को छपा देख गौरवांवित हूँ. नवीन भाई का आभर.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-52524669026856353662011-04-12T20:36:02.157+05:302011-04-12T20:36:02.157+05:30पहली खेप की सभी कुंडलियाँ बहुत ही सुन्दर है ! मैं ...पहली खेप की सभी कुंडलियाँ बहुत ही सुन्दर है ! मैं दिल से बधाई देता हूँ श्री महेंद्र वर्मा जी, श्री तिलक राज कपूर जी एवं श्री समीर लाल "समीर" जी को ! भाई नवीन भाई को भी उनके इस वन्दनीय प्रयास के लिए धन्यवाद !Yograj Prabhakarhttp://www.blogger.com/profile/08110021103580620658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-33148656790028540442011-04-12T20:52:18.461+05:302011-04-12T20:52:18.461+05:30भाई नवीन जी आप विलुप्त होती विधा को जीवित रखना चाह...भाई नवीन जी आप विलुप्त होती विधा को जीवित रखना चाहते हैं आपका यह प्रयास सराहना के योग्य है बधाई भाई समीर जी महेंद्र जी कपूर जी आप सबको भी बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttp://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-27369831460058072692011-04-12T21:44:00.066+05:302011-04-12T21:44:00.066+05:30आप सभी साहित्य रसिकों का बहुत बहुत आभार| आप सभी के...आप सभी साहित्य रसिकों का बहुत बहुत आभार| आप सभी के स्नेह सिक्त सहयोग के बिना इस आयोजन का यहाँ तक पाहुचना संभव नहीं था| <br><br>समीर भाई की दूसरी कुंडली लगा दी गई है| आप लोग पढ़ के उस का भी आनंद लीजिएगा| <br><br>बड़ी ही खुशी की बात है कि इस कुंडली छन्द पर कई सारे कवियों की रचनाएँ प्राप्त हो रही हैं|Navin C. Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-84487197453278560642011-04-13T12:13:14.695+05:302011-04-13T12:13:14.695+05:30वाह। कम्प्यूटर की महिमा को बखान करती सुंदर रचनाए...वाह। कम्प्यूटर की महिमा को बखान करती सुंदर रचनाएं। <br>शुभकामनाएं आप सबको।Atul Shrivastavahttp://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-10157793128692238172011-04-13T15:47:43.914+05:302011-04-13T15:47:43.914+05:30यह तो शानदार काव्य यज्ञ है।महेन्द्र जी तिलक जी और ...यह तो शानदार काव्य यज्ञ है।<br>महेन्द्र जी तिलक जी और समीरजी की कुंडलियां पढना अवि्स्मर्णिय अनुभव रहा।<br><br>नवीन जी इस समस्या पूर्ति आयोजन के लिये आभारसुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-61781293939521108572011-04-13T18:21:38.746+05:302011-04-13T18:21:38.746+05:30MAHENDRA VERMA ,TILAK RAJ KAPOOR AUR SAMEER LAL SA...MAHENDRA VERMA ,TILAK RAJ KAPOOR AUR SAMEER <br>LAL SAMEER KEE PYARE - PYARE BHAVON MEIN <br>RACHEE - BASEE KUNDLIYON KO PADH KAR AANANDIT <br>HO GAYAA HOON MAIN . NAVIN JI SRAHNIY KAAM <br>KAR RAHE HAIN .pran sharmahttp://www.blogger.com/profile/14658673113780007596noreply@blogger.com