tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post1098425405112049433..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: ग्वाल कवि [1879-1981]www.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-4092403547612384242019-10-19T23:15:17.970+05:302019-10-19T23:15:17.970+05:30कृपया ग्वाल्कवी जोत्ने भी हुए हैं उन सब का परिचय भ...कृपया ग्वाल्कवी जोत्ने भी हुए हैं उन सब का परिचय भी उपलब्ध कराए।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00329814797388800338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-27010279116000480202012-06-06T11:40:04.623+05:302012-06-06T11:40:04.623+05:30कल 07/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani...<i><b> कल 07/06/2012 को आपकी यह पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br />धन्यवाद! </b></i>Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-70774831628433442852012-05-30T21:16:35.448+05:302012-05-30T21:16:35.448+05:30सच में इस ब्लॉग पर आना और इस रचना को पढ़ना एक सुखद...सच में इस ब्लॉग पर आना और इस रचना को पढ़ना एक सुखद अनुभूति रही।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-28363490203451887142012-05-26T08:41:37.430+05:302012-05-26T08:41:37.430+05:30आनन्द आय गयो! आभार!आनन्द आय गयो! आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-6829058538910048082012-05-23T20:15:57.329+05:302012-05-23T20:15:57.329+05:30राजा, रंक, उमराउ, बादशाह केते भये
कहाँ सों कहाँ को...राजा, रंक, उमराउ, बादशाह केते भये<br />कहाँ सों कहाँ कों गये लगा ना ठिकाना है <br /><br />ग्वाल कवि के संबंध में मुझे ज्ञात नहीं था।<br />उनके कवित्त तो उच्च कोटि के हैं।<br />न जाने ऐसे ही कितने जन-कवि साहित्य के गहन अंधकार में छिपे हुए हैं।<br />आभार आपका।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-68362469963174075472012-05-22T17:24:31.676+05:302012-05-22T17:24:31.676+05:30आवै परवाना, फेर चलै ना बहाना, इस्से-
नेकी कर जाना ...आवै परवाना, फेर चलै ना बहाना, इस्से-<br />नेकी कर जाना फेर आना है न जाना है....यह पक्तियां हमने अपने पिताजी के मुंह से खूब सुनी है ! <br /><br />होठ में, कि फूँक में, कि आंगूरी की दाब में,कि -<br />बाँस में, कि बीन में, कि धुन में जहर है.......क्या बात है साब !!<br /><br />या भाषा में जो रस है वो कहूँ नाय मिल सके भाईसाब !!<br />आपको साधुवाद !!!!शेखर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/03570068972021024352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-88430218966806875252012-05-22T16:37:14.148+05:302012-05-22T16:37:14.148+05:30ग्वाल कवि को पढना एक सुखद अनुभूति है |
आशाग्वाल कवि को पढना एक सुखद अनुभूति है |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-29250170113005439262012-05-21T09:54:22.630+05:302012-05-21T09:54:22.630+05:30बहुत अनमोल मोती ढूंढ कर लाए हैं भाई नवीन जी, कमाल ...बहुत अनमोल मोती ढूंढ कर लाए हैं भाई नवीन जी, कमाल कर दिया. ग्वाल कवि को पढना सच में एक सुखद अनुभव रहा. भारतीय सनातनी छंदों के के प्रति आपकी प्रतिबद्धिता को शत शत नमन.Yograj Prabhakarhttps://www.blogger.com/profile/08110021103580620658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-73177144886994481132012-05-21T09:47:34.901+05:302012-05-21T09:47:34.901+05:30'ग्वाल' कवि तो सों कर जोर कर पूछत हों
साँच...'ग्वाल' कवि तो सों कर जोर कर पूछत हों<br />साँची कहि दीजो जो पै मो ही पै महर है<br /><br />बहुत सुंदर रचना,,,अच्छी लगी <br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/05/blog-post_9158.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-51024060677073213972012-05-21T09:41:17.908+05:302012-05-21T09:41:17.908+05:30दिया है उसी में खूब खुसी रहौ 'ग्वाल' कवि
ख...दिया है उसी में खूब खुसी रहौ 'ग्वाल' कवि<br />खाऔ, पिऔ, लेउ, देउ, यहीं रह जाना है<br /><br />राजा, रंक, उमराउ, बादशाह केते भये<br />कहाँ सों कहाँ कों गये लगा ना ठिकाना है <br /><br />आवै परवाना, फेर चलै ना बहाना, इस्से-<br />नेकी कर जाना फेर आना है न जाना है<br /><br /><br />जीवन-सत्य कहते कवित्त बहुत अच्छे लगे...ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.com