बात
पूरी हो न पानी थी, लिहाजा टाल दी
ज़िंदगी
फिलहाल मौक़े के मुताबिक़ ढाल दी १
मेहनती
लोगों से मेहनत ही कराते हैं सभी
रब ने
भी तो चींटियों को रेंगने की चाल दी २
हम
तुम्हें लुकमान समझे और तुम निकले रक़ीब
जो
बढाये रोग – वो बूटी- दवा में डाल दी ३
लुक़मान - बहुत बड़ा
वैद्य, रक़ीब - दुश्मन
ज़िल्द
ही से है क़िताबों की हिफ़ाज़त और निखार
रब ने
भी कुछ सोच कर ही हड्डियों को खाल दी ४
विश्व
को रफ़्तार का तुहफ़ा दिया तकनीक ने
एक
धीमे ज़ह्र की पुडिया हवा में डाल दी ५
आप
मानें या न मानें, लोग तो बतलायेंगे
इस
तरक्क़ी ने हमें बस सूरतेबदहाल दी ६
गर
मिला मौक़ा तो हम फिर से करेंगे गुफ़्तगू
ये न
समझें बात हर दम के लिये ही टाल दी ७
हाँ
तुम्हें शह-मात देने का हमें अफ़सोस है
और जो
तुमने पैदलों को ऊँट वाली चाल दी ८
गिरता
ही जाता है रुपया विश्व के बाज़ार में
क्या
इसी .खातिर तुम्हारे हाथ में टकसाल दी ९
:- नवीन सी. चतुर्वेदी
बहरे रमल मुसम्मन महजूफ़
फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलुन
2122 2122 2122 212
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