tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post5895657090477977245..comments2024-02-29T12:05:10.733+05:30Comments on साहित्यम्: T-2/2/13 सूरज छुपता फिर रहा, ले सागर से कर्ज़ - शरद तैलंगwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-5707083471013684412013-07-18T19:47:11.761+05:302013-07-18T19:47:11.761+05:30आदरणीय शरद तैलंग जी
बहुत अच्छे दोहे लिखे हैं ,...<b> </b> <br /><b> </b> <br />आदरणीय <b>शरद तैलंग जी </b> <br />बहुत अच्छे दोहे लिखे हैं , मज़ेदार भी <br /> बधाई !<br />शुभकामनाओं सहित<br />सादर... <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-44069123764653688032013-07-13T19:08:57.236+05:302013-07-13T19:08:57.236+05:30सुंदर भाव...
यही तोसंसार है...सुंदर भाव...<br /><br /><br /><a href="http://kuldeepkikavita.blogspot.in/2013/07/blog-post_12.html" rel="nofollow">यही तोसंसार है...</a><br /><br /><br /><br /><br />kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-42734357976103544352013-07-12T09:50:41.820+05:302013-07-12T09:50:41.820+05:30चंद्रबिंदु के नियम पर आदरणीया संगीता स्वरूप जी को ...चंद्रबिंदु के नियम पर आदरणीया संगीता स्वरूप जी को समर्थन.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-52406339003250788112013-07-12T09:49:07.845+05:302013-07-12T09:49:07.845+05:30* (टंकण त्रुटि संशोधित)
दिनचर्या में भर गये, जीवन ...* (टंकण त्रुटि संशोधित)<br />दिनचर्या में भर गये, जीवन दर्शन रंग<br />दाद हृदय से लीजिये,मित्र शरद तैलंग ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-7156689234926060862013-07-12T09:44:23.195+05:302013-07-12T09:44:23.195+05:30सोंधे दोहे मदभरे , सहज सादगी पूर्ण
सरल सुस्वादु ...सोंधे दोहे मदभरे , सहज सादगी पूर्ण<br />सरल सुस्वादु लग रहे,मानों त्रिफला चूर्ण ||<br /><br />दिनचर्या भर गये , जीवन दर्शन रंग<br />दाद हृदय से लीजिये,मित्र शरद तैलंग ||<br /><br />हो सुंदरता नैन में , प्रेम हृदय के बीच<br />फिर तो मनभावन लगें,गोबर माटी कीच ||<br /><br />कर्जदार सूरज हुआ,बचता फिरे लुकाय<br />अय हय हय क्या बात है,जय जय जय कविराय ||<br /><br />नदिया सागर के लिए, लिये चली उपहार<brअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-84957020736782662562013-07-11T15:55:01.897+05:302013-07-11T15:55:01.897+05:30 जीवन की वास्तविकता को अपने में समाहित किये मुखरित... जीवन की वास्तविकता को अपने में समाहित किये मुखरित हो रहे हैं सारे दोहे हार्दिक बधाई आदरणीय तथा आदरणीय नवीन जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ. जिनके सत्प्रयास से एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली रचनाकारों के दोहे पढने का सुअवसर प्राप्त हो सका है. Satyanarayan singhhttps://www.blogger.com/profile/00790105613649162597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-81440667586712928552013-07-11T14:08:34.585+05:302013-07-11T14:08:34.585+05:30हम-आप के दैनिक जीवन के क्षण जब रचनाकर्म का हिस्सा ...हम-आप के दैनिक जीवन के क्षण जब रचनाकर्म का हिस्सा होते हैं तो रचनाएँ पाठकों से बतियाने लगती हैं. <br /><br />शरद तैलंगजी की छंद-रचनाएँ हम-आप से बतियाती है. सुख-दुख साझा करती है. चाहे बरसात में हवाई चप्पल पहने हुओं की परेशानी हो या बरसातों में सिमेण्ट-पानी के घोल से छत में उभर आयी दरारों को भरने की क़वायद हो. या फिर, बरसाती दिनों में कपड़ों के न सूखने की टेंशन ! शरद भाई ने ऐसे कई विन्दुओं को अपनी Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-8046889963766785382013-07-11T00:29:51.760+05:302013-07-11T00:29:51.760+05:30भाई तैलन्ग जी के दोहों ने मन को गुदगुदाते हुए एक स...भाई तैलन्ग जी के दोहों ने मन को गुदगुदाते हुए एक सच्ची तस्वीर प्रस्तुत की जो बरसात के मौसम को बिभिन्न रूपों मे सच्चाई के साथ दिल की गहराइयों तक पहुँचाती है शरद भाई जय हो ...सूरज तकता रात भर मेरी बारी आय ....चंदा तारे हँस रहे कौन इसे समझाए ....जय हो आप की Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02227385420201268907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-38583810212846290942013-07-10T19:00:49.853+05:302013-07-10T19:00:49.853+05:30बहुत सुंदर और मज़ेदार दोहे पढ़कर आनंद आ गया। आदरणीय ...बहुत सुंदर और मज़ेदार दोहे पढ़कर आनंद आ गया। आदरणीय शरद जी को हार्दिक बधाईकल्पना रामानीhttps://www.blogger.com/profile/17587173871439989311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-9087535605201494492013-07-10T18:22:18.572+05:302013-07-10T18:22:18.572+05:30सहज सुंदर दोहे...सादर बधाई !!सहज सुंदर दोहे...सादर बधाई !!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-62534041283905363022013-07-10T16:17:27.478+05:302013-07-10T16:17:27.478+05:30ACHCHHE DOHE PADHWAANE KE LIYE
AAPKAA AABHAAR .ACHCHHE DOHE PADHWAANE KE LIYE <br />AAPKAA AABHAAR .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-54371716750518953002013-07-10T14:36:23.036+05:302013-07-10T14:36:23.036+05:30बहुत सुन्दर और रोचक दोहे...बहुत सुन्दर और रोचक दोहे...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-14013922009411600672013-07-10T14:35:49.897+05:302013-07-10T14:35:49.897+05:30वाह, सुलझे और सहज..वाह, सुलझे और सहज..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-16590061996700771892013-07-10T14:15:30.872+05:302013-07-10T14:15:30.872+05:30शरद जी के दोहों ने देश की माटी की गंध और बारिश में...शरद जी के दोहों ने देश की माटी की गंध और बारिश में भीगने का मज़ा याद करा दिया ... हकीकत से जुड़े ... व्यवहारिक दोहे हैं ... <br /><br />कुछ लाइनें मेरे मन में भी आ गयीं जो प्रस्तुत हैं ....<br /><br />सूखा हूं परदेस में, मन में है विश्वास <br />पत्नी बूँदें लाएगी, मिट जाएगी प्यास <br />(दुबई में बारिश का अता पता नहीं और पत्नी देश गई हुई है)<br /><br />छम छम मेरे देश में, मतवाली बरसात <br />सूरज दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-7841458744235802742013-07-10T12:23:09.868+05:302013-07-10T12:23:09.868+05:30बहुत ही सहज ................वाह ! बहुत ही सहज ................वाह ! शेखर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/03570068972021024352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-39577889725587087982013-07-10T10:44:31.018+05:302013-07-10T10:44:31.018+05:30बहुत मज़ेदार दोहे ....
जहाँ तक अनुस्वार और अनुन...बहुत मज़ेदार दोहे .... <br /><br />जहाँ तक अनुस्वार और अनुनासिका की बात है तो अनुनासिका का चिह्न ( चन्द्रबिन्दु ) शिरोरेखा के ऊपर आने वाली मात्राओं में नहीं लगाया जाता । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-23281903056929915412013-07-10T10:41:48.482+05:302013-07-10T10:41:48.482+05:30आज के असली दोहे हैं ये ,जो रीतिकाल के प्रतिमानो और...आज के असली दोहे हैं ये ,जो रीतिकाल के प्रतिमानो और आरोपणों से मुक्ति पा कर, वर्तमान जीवन को उसकी वास्तविकता के साथ व्यक्त करने में समर्थ हैं -बधाई ! <br /> प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-19351615769423156982013-07-10T10:38:15.938+05:302013-07-10T10:38:15.938+05:30बड़ी मजेदार पोस्ट है। मजेदार दोहों पर मजेदार कमेंट्...बड़ी मजेदार पोस्ट है। मजेदार दोहों पर मजेदार कमेंट्री। बहुत बहुत बधाई शरद जी को जिस सहजता से उन्होंने दोहे कहे हैं उसके लिये।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.com