tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post4375056057655616888..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: SP/2/1/7 इक मुट्ठी भर चाँदनी, इक थाली भर धूप - अश्विनी शर्माwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30606886465054460002012-11-06T23:21:21.971+05:302012-11-06T23:21:21.971+05:30डॉ श्याम गुप्त साहब आभारी हूँ आप ने दोहों को समय द...डॉ श्याम गुप्त साहब आभारी हूँ आप ने दोहों को समय दिया <br />आदरणीय शब्द कोष में उम्मीद का अर्थ आशा आस इच्छा ख्वाहिश उत्कंठा आदि लिखे हें ....आप इच्छा मान ले <br />प्रकृति के रूपों में अगर सौंदर्य नहीं है तो कहाँ होता है ये तो मुझे भी नहीं पता आदरणीय <br />आदरणीय मौसम ने भांग पी इसलिए रिश्तों पर आये असर को आश्चर्यगत भाव से प्रकट किया गया है <br />शायद मैं अपना भाव आप तक पहुंचा नहीं पाया<br /><br /ashvaghoshhttps://www.blogger.com/profile/04330878210210044156noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-13438827199825536642012-11-03T22:49:39.807+05:302012-11-03T22:49:39.807+05:30अश्विनी जी के दोहे भी पढ़े और श्याम जी आलोचनात्मक ट...अश्विनी जी के दोहे भी पढ़े और श्याम जी आलोचनात्मक टिप्पणी भी। दोनों ही एक-दूसरे के लिए बने हैं। दोहों की इस शृंखला से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है कि किस तरह के दोहे लिखे जाएँ और किस तरह के नहीं। कुछ भी लिखने से पहले श्याम जी जैसे प्रबुद्ध पाठक की उपस्थिति अनायास याद हो आती है। एक दृष्टि से यह बहुत अच्छा भी है। यहाँ रचना के साथ उचित न्याय करने वाले हैं। प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00211742823973842751noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-3233497886071509372012-11-01T22:33:34.041+05:302012-11-01T22:33:34.041+05:30---दोहे तो श्रेष्ठ व सटीक हैं ...परन्तु भाव उतने स...---दोहे तो श्रेष्ठ व सटीक हैं ...परन्तु भाव उतने सटीक नहीं हैं---- यथा...<br /><br />----ठेस तो ठीक है समष्टिगत ठेस है....<br />---उम्मीद की जगह इच्छा है....<br />---सौंदर्य में कौन सा सौंदर्य है मैं समझ नहीं पा रहा हूँ...अगर सूरज मोड़ पर ठिठक गया तो धूप परदेश कैसे चली गयी.....<br />--- समझ में न आना कौन सा आश्चर्य होता है, रिश्तों के साथ ये मौसम कहाँ से आगया....<br />----हाँ .व्यंग्य सुन्दर है ..डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-87956078884890497322012-10-31T23:57:35.616+05:302012-10-31T23:57:35.616+05:30 सचमुच सभी दोहे अपने आप मैं बहुत बढ़िया है किन्तु ... सचमुच सभी दोहे अपने आप मैं बहुत बढ़िया है किन्तु सौंदर्य और उम्मीद के दोहों का क्या कहना <br />अतएव अश्विनजी को बहुत बहुत बधाई. Satyanarayan singhhttps://www.blogger.com/profile/00790105613649162597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-65993846402866276692012-10-31T22:00:14.815+05:302012-10-31T22:00:14.815+05:30क्या बात है वाह बहुत ख़ूब पेशकशक्या बात है वाह बहुत ख़ूब पेशकशचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-34407113782883862472012-10-31T21:17:48.964+05:302012-10-31T21:17:48.964+05:30बहुत ही सुंदर सटीक एवँ सार्थक दोहे हैं हर विषय पर ...बहुत ही सुंदर सटीक एवँ सार्थक दोहे हैं हर विषय पर ! अश्विन जी को बहुत-बहुत बधाई एवँ शुभकामनायें ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-45916687812124453092012-10-31T20:27:09.679+05:302012-10-31T20:27:09.679+05:30
इक मुट्ठी भर चाँदनी, इक थाली भर धूप,
साँसों भर ख़...<br />इक मुट्ठी भर चाँदनी, इक थाली भर धूप,<br />साँसों भर ख़ुशबू मिले, आँखों भर हो रूप।<br /><br />सभी दोहों का काव्यगत सौंदर्य अप्रतिम है।<br /><br />अश्विन के दोहे अतुल, अद्भुत सृजन अनूप,<br />गागर में सागर भरा, छंद सुमन सद्रूप।<br />महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-86379927049923967222012-10-31T19:08:20.907+05:302012-10-31T19:08:20.907+05:30बहुत खूबसूरत दोहे हैं अश्विनी जी के। उन्हें हार्दि...बहुत खूबसूरत दोहे हैं अश्विनी जी के। उन्हें हार्दिक बधाई इन दोहों के लिए। उम्मीद और सौंदर्य के दोहों का कोई सानी नहीं। बहुत बहुत बधाई अश्विनी जी को। ‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-36324429002708527362012-10-31T18:42:13.401+05:302012-10-31T18:42:13.401+05:30बहुत ही सार्थक दोहे...सभी अच्छे लगे|
अश्विनी जी को...बहुत ही सार्थक दोहे...सभी अच्छे लगे|<br />अश्विनी जी को बधाई!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-35485070257597854292012-10-31T16:34:11.221+05:302012-10-31T16:34:11.221+05:30सूरज ठिठका मोड़ पर बदल बदल कर भेस |सूरज ठिठका मोड़ पर बदल बदल कर भेस |Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-25530917627936669702012-10-31T16:30:51.374+05:302012-10-31T16:30:51.374+05:30इक मुट्ठी भरी चाँदनी इक झोली भर धुप |
साँस भरी सुग...इक मुट्ठी भरी चाँदनी इक झोली भर धुप |<br />साँस भरी सुगंध संग आँखें भर रही रूप ||Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-43599155002268996782012-10-31T12:30:20.935+05:302012-10-31T12:30:20.935+05:30आपका प्रयाश सराहनीय है ,,,,बधाई,,,,
RECENT POST L...आपका प्रयाश सराहनीय है ,,,,बधाई,,,,<br /><br />RECENT POST LINK<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/10/blog-post_29.html#links" rel="nofollow">...: खता,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-64122598523116803182012-10-31T07:05:21.089+05:302012-10-31T07:05:21.089+05:30उम्मीद
इक मुट्ठी भर चाँदनी, इक थाली भर धूप
साँसों ...उम्मीद<br />इक मुट्ठी भर चाँदनी, इक थाली भर धूप<br />साँसों भर ख़ुशबू मिले, आँखों भर हो रूप<br /><br />सौंदर्य<br />सूरज ठिठका मोड़ पर, धूप गयी परदेस<br />गुपचुप धरती ने दिया, कुहरे को संदेस<br /><br /><br />बहुत बढ़िया दोहे Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-84043477549791953932012-10-30T23:20:57.570+05:302012-10-30T23:20:57.570+05:30वाह , बहुत सुंदर दोहे .... अश्विन जी से मिलवाने के...वाह , बहुत सुंदर दोहे .... अश्विन जी से मिलवाने के लिए आभार संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-74979746212102952602012-10-30T22:44:06.888+05:302012-10-30T22:44:06.888+05:30आदरणीय तिवारी जी
आप के सरोकारों के लिए मंच सहृदय ...आदरणीय तिवारी जी <br />आप के सरोकारों के लिए मंच सहृदय आभारी है<br />आप से एक छोटा सा निवेदन है, आशा है आप इसे अन्यथा न लेंगे<br /><br />दिवाली सामने होने की वजह से हमने अब तक आ चुके दोहों को ही प्रकाशित करने का निर्णय लिया है<br /><br />तथा जो साथी दोहे न भेज पाये हों, वो अब दिवाली पोस्ट के लिए दोहे भेजें<br /><br />आशा है हमारे सभी साथी हमारी भावनाओं को सकारात्मक रूप से समझने का यत्न करेंगे <brwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-17533721231254061902012-10-30T21:34:19.942+05:302012-10-30T21:34:19.942+05:30छा गए भ्राता, इतने अच्छे दोहे लिखे हैं आपने कि तबि...छा गए भ्राता, इतने अच्छे दोहे लिखे हैं आपने कि तबियत खुश हो गयी. अब तो मेरी भागीदारी होनी ही पड़ेगी नही तो नवीन भाई दौड़ा लेंगे. शेषधर तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/09259183410687906285noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-60231865988995822982012-10-30T21:04:41.392+05:302012-10-30T21:04:41.392+05:30सुंदर रचनाएं ..
अश्विनी शर्मा जी से मिलवाने का आभा...सुंदर रचनाएं ..<br />अश्विनी शर्मा जी से मिलवाने का आभार !!संगीता पुरीhttp://www.gatyatmakjyotish.comnoreply@blogger.com