tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post4117870205048115894..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: SP/2/2/4 चन्द्र दरस कों सुन्दरी, घूँघट लियो उघारि -डा. श्याम गुप्तwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-75733586193196490122013-07-19T19:41:22.332+05:302013-07-19T19:41:22.332+05:30वाह !
दोहे तो अच्छे लिखे हैं आदरणीय श्याम गुप्त...<b> </b> <br /><b> </b> <br /> वाह !<br /> दोहे तो अच्छे लिखे हैं आदरणीय <b> श्याम गुप्त जी</b> !<br />लेकिन <b> चढायँ , जायँ , इठलायँ , हरषायँ , बितायँ , बितायँ </b> ये क्या कर दिया ?<br /> ये <b>नवीन जी</b> की टाइपिंग-त्रुटियां तो नहीं हो सकती... <br />असावधानीवश कुछ विरोधाभास भी हो गया है ,<br /> (<b>अरूण जी </b> ने इशारा कर भी दिया ...)<br /><br />बाकी आपको पढने का अपना आनंद है ।<br /><Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30981241895757940392013-06-26T09:37:29.383+05:302013-06-26T09:37:29.383+05:30चन्द्र दरस कों सुन्दरी, घूँघट लियो उघारि
चित चकोर...चन्द्र दरस कों सुन्दरी, घूँघट लियो उघारि <br />चित चकोर चितवत चकित, दो-दो चन्द्र निहारि <br />मन पुलकित करता हुआ,अति सुंदर अनुप्रास <br />चित्त अचम्भित देख कर,शिल्प शब्द विन्यास<br /><br />घिरी परिजनों से प्रिया, बैठे हैं मन मार ,<br />पर नयनों से हो रहा, चितवन का व्यापार <br />नयनों से हो किस तरह,चितवन का व्यापार<br />चार नयन लाचार हैं,परिजन नयन हजार<br /><br />तेल पाउडर बेचते, झूठ बोल इठलायँ<brअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-68837114482688672232013-06-24T12:26:34.467+05:302013-06-24T12:26:34.467+05:30घिरी परिजनों से प्रिया, बैठे हैं मन मार ,
पर नयनों...घिरी परिजनों से प्रिया, बैठे हैं मन मार ,<br />पर नयनों से हो रहा, चितवन का व्यापार.........दृश्य बन गया जी ........वाह !!!शेखर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/03570068972021024352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-27525827360489453212013-06-23T22:32:25.379+05:302013-06-23T22:32:25.379+05:30परन्तु २३-६-१३ के ब्लॉग प्रसारण अंक में तो यह रचन...परन्तु २३-६-१३ के ब्लॉग प्रसारण अंक में तो यह रचना है ही नहीं कोइ अन्य है...डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-29495013739658617972013-06-23T22:01:18.998+05:302013-06-23T22:01:18.998+05:30धन्यवाद तिलक राज जी, अशोक जी,सत्य नारायण जी,धर्मेन...धन्यवाद तिलक राज जी, अशोक जी,सत्य नारायण जी,धर्मेन्द्र , अरुण जी , सौरभ जी ..एवं यशोदा जी ...और ब्लॉग प्रसारण ...एवं नवीन जी.....सभी का बहुत बहुत आभार... ....डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-75164358238702954412013-06-23T14:38:05.118+05:302013-06-23T14:38:05.118+05:30इन शानदार और लाजबाब दोहों के लिए बहुत बहुत बधाई आद...इन शानदार और लाजबाब दोहों के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय डॉ. श्याम जी.Satyanarayan singhhttps://www.blogger.com/profile/00790105613649162597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-21243450274538717272013-06-23T12:20:56.535+05:302013-06-23T12:20:56.535+05:30शानदार दोहे कहे हैं श्याम जी ने। बहुत बहुत बधाई और...शानदार दोहे कहे हैं श्याम जी ने। बहुत बहुत बधाई और <br />अपनी लाज लुटा रही, द्रुपुद-सुता बाज़ार<br />इन चीरों का क्या करूँ, कृष्ण खड़े लाचार<br />इसके लिए विशेष बधाई‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-83917057247339373892013-06-23T10:23:26.065+05:302013-06-23T10:23:26.065+05:30चन्द्र दरस कों सुन्दरी, घूँघट लियो उघारि
चित चकोर ...चन्द्र दरस कों सुन्दरी, घूँघट लियो उघारि<br />चित चकोर चितवत चकित, दो-दो चन्द्र निहारि <br />श्रृंगार से परिपूर्ण<br /><br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-66916224330408770772013-06-22T22:44:32.474+05:302013-06-22T22:44:32.474+05:30आपकी यह रचना कल रविवार (23-06-2013) को ब्लॉग प्रस...आपकी यह रचना कल रविवार (23-06-2013) को <a href="http://blogprasaran.blogspot.in/" rel="nofollow">ब्लॉग प्रसारण</a> के "विशेष रचना कोना" पर लिंक की गई है कृपया पधारें.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02114581250468243328noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-77900310292910188072013-06-22T22:29:48.755+05:302013-06-22T22:29:48.755+05:30इस छंद-प्रयास पर हार्दिक बधाई.
शुभ-शुभ
इस छंद-प्रयास पर हार्दिक बधाई. <br />शुभ-शुभ<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-14942166430374017882013-06-22T22:16:14.221+05:302013-06-22T22:16:14.221+05:30वाह आदरणीय वाह उत्तम कोटि की दोहावली प्रस्तुति की ...वाह आदरणीय वाह उत्तम कोटि की दोहावली प्रस्तुति की है आपने सभी दोहे अत्यंत मनोहारी हुए हैं, हार्दिक बधाई स्वीकारें.<br /><br />अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30720749310368046282013-06-22T21:28:08.485+05:302013-06-22T21:28:08.485+05:30अपनी लाज लुटा रही, द्रुपुद-सुता बाज़ार
इन चीरों का...अपनी लाज लुटा रही, द्रुपुद-सुता बाज़ार<br />इन चीरों का क्या करूँ, कृष्ण खड़े लाचार<br />bhot sundar hai waaaaaah<br />ashokkhachar56@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/07939212398427669565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-47055923579362234532013-06-22T21:26:28.604+05:302013-06-22T21:26:28.604+05:30श्याम गंप्ता जी सशक्त लेखनी से निकल ेसभी दोहे प...श्याम गंप्ता जी सशक्त लेखनी से निकल ेसभी दोहे प्रभावशाली हैं। बहुत बहुत बधाई। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.com