tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post2878702206570024784..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: १६ मात्रा वाले ७ छंद - नवीनwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-74779053799748955652024-02-29T12:05:10.733+05:302024-02-29T12:05:10.733+05:30अचानक ही अरिल्ल छंद के विधान की खोज में यहाँ पहुँच...अचानक ही अरिल्ल छंद के विधान की खोज में यहाँ पहुँच गई। चौपाई सम नए छंदों से परिचय हुआ। छंद शास्त्री धन्यवाद व साधुवाद के पात्र हैं जिनके सद्प्रयास के कारण हम जैसे नौसिखिए कुछ नया जान व समझ पाते हैं। <br />एक चर्चा यहाँ शृंगार शब्द को लेकर होती दिखी। मैं संस्कृत विद्यार्थी होने के नाते स्पष्टीकरण के माध्यम से हस्तक्षेप करना चाहती हूँ। <br />श्+ ऋ = शृ (मेरे कीबोर्ड के अनुसार) यह संयुक्त वर्ण नीलम कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/09771353840795057467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-40084917371394684662022-08-05T20:51:18.476+05:302022-08-05T20:51:18.476+05:30पादाकुलक छंद के अंतर्गत क्र 2 में दी गई जानकारी सह...पादाकुलक छंद के अंतर्गत क्र 2 में दी गई जानकारी सही नहीं। बाँट बाँट कर.. इसमें शुरुआत 21 21 से हो रहा है जो चौकल के विपरीत है। anil guptahttps://www.blogger.com/profile/08371559330084872109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-41440862524531520512021-08-26T16:12:53.672+05:302021-08-26T16:12:53.672+05:30आदरणीय सुन्दर जानकारी। बधाई।
सोलह मात्राओं के छन्द...आदरणीय सुन्दर जानकारी। बधाई।<br />सोलह मात्राओं के छन्दों और गहराई से समझने के लिए निम्न लिंकों को देख सकते हैं।<br /><br />चौपाई छन्द:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/permalink/3591367070912696/<br /><br />पदपादाकुलक:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/permalink/3601271669922236/<br /><br />श्रृंगार:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/रणवीर सिंह 'अनुपम'https://www.blogger.com/profile/16795292296882587245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-43585014812073497802021-08-26T16:07:42.493+05:302021-08-26T16:07:42.493+05:30आदरणीय, सुन्दर जानकारी देने की कोशिश है। साधुवाद। ...आदरणीय, सुन्दर जानकारी देने की कोशिश है। साधुवाद। इन छन्दों के बारे में और स्पष्टता से निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।<br />चौपाई छन्द:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/permalink/3591367070912696/<br /><br />पदपादाकुलक:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/permalink/3601271669922236/<br /><br />श्रृंगार:<br />https://www.facebook.com/groups/3181642221885185/रणवीर सिंह 'अनुपम'https://www.blogger.com/profile/16795292296882587245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-50938079091023460812021-02-09T22:11:04.598+05:302021-02-09T22:11:04.598+05:30प्रिय सर,
तुलसीदास जी ने सवैया, घनाक्षरी छंदों में...प्रिय सर,<br />तुलसीदास जी ने सवैया, घनाक्षरी छंदों में दो-दो पंक्तियों का तुक लिया है, जो ग़लत है<br />जबकि भक्तिकाल और रीतिकाल के अन्य कवियों ने चार पंक्ति का तुकांत लिया है<br />तुलसीदास के दोहे में कई जगह मानक के अनुरूप मात्राएं नहीं हैं।(यह बात तुलसीदास नामक पुस्तक में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कही है)<br />इसके अतिरिक्त गीता प्रेस ने कई जगह छपाई में गलती की है जो अक्षम्य है।<br />सबसे Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11652783969016348772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-66377104878627041952020-02-18T18:24:49.421+05:302020-02-18T18:24:49.421+05:30श्रृंगार सही शब्द है आद. । सभी पादाकुलक छंद चौपाई...श्रृंगार सही शब्द है आद. । सभी पादाकुलक छंद चौपाई में गिने जा सकते हैं, लेकिन सभी चौपाई छंद पादाकुलक नहीं मानी जा सकती आद. । सादरMUKESH SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/00930629590741873185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-30990466073458557242019-02-27T05:12:23.488+05:302019-02-27T05:12:23.488+05:30बहुत सुन्दर जानकारी हार्दिक धन्यवाद बहुत सुन्दर जानकारी हार्दिक धन्यवाद sukhmangalhttps://www.blogger.com/profile/03076745453862353480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-60933528497900013862017-06-17T06:45:14.873+05:302017-06-17T06:45:14.873+05:30प्रणाम बंधु,
वास्तव में यह शब्द शृंगार है न ...प्रणाम बंधु,<br /> वास्तव में यह शब्द शृंगार है न कि श्रंगार। एक महत्वपूर्ण बात जहाँ तक मेरी समझ है वह ये है कि शृंगार कोई छंद नही काव्य रस है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05077944780804006047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-63196676975271491312012-12-05T19:32:41.768+05:302012-12-05T19:32:41.768+05:30-------मेरे अनुसार ' श्रृंगार ' सही शब्द ...-------मेरे अनुसार ' श्रृंगार ' सही शब्द है ..<br />---चौपाई----- नाम क्यों ...<br /><br />---यह भ्रम प्राय: उत्पन्न होता है ---- वास्तव में चौपाई ... १६-१६ मात्राओं की चार पंक्तियों वाला छंद है जिनमे दो-दो चरण आपस में सम तुकांत होते हैं चारों चरण नहीं ---( पहला-दूसरा एक सम तुकांत ---एवं तीसरा चौथा अन्य सम तुकांत ) यथा ... <br /><br />रघुकुल तिलक जोरि दोउ(=दुइ)हाथा, =१७(=१६) (--इस प्रकारडा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-37534839466078229212012-12-05T08:25:35.091+05:302012-12-05T08:25:35.091+05:30वंदना जी यहाँ मेरे पास पुस्तक तो नहीं पर मैंने ऑनल...वंदना जी यहाँ मेरे पास पुस्तक तो नहीं पर मैंने ऑनलाइन गीताप्रेस गोरखपुर वालों द्वारा उपलब्ध कराया गया सुंदर कांड [PDF] पद के देखा आप की बात सही है। <br /><br />फिर भी चौपाई चरण चार चरण वाला ही होता है।<br /><br />इस विषय में मैं एक और पहलू लेना चाहूँगा और बाकी मित्रों से भी सहभागिता का निवेदन है <br /><br />तुलसीदास ने जो लिखा, क्या वह यूँ का त्यूँ आया? <br />तुलसीदास जैसे कवि से ऐसी भूल संभव तो www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-75310535864436307392012-12-05T08:12:50.290+05:302012-12-05T08:12:50.290+05:30सीकर राजस्थान से अध्यापिका वंदना जी ने बड़ा ही महत...सीकर राजस्थान से अध्यापिका वंदना जी ने बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न हमारे सामने रख दिया है। मैं जल्द ही इस को देख कर वापस आता हूँ। <br /><br />वैसे हर स्थिति में चौपाई चार चरणों वाला छन्द ही हैं।<br /><br />आज कल कुछ कमेंट्स स्पेम में जाने लगे हैं, पता नहीं क्यूँ? वंदना जी का कमेन्ट भी स्पेम में था - अभी अभी NO-SPAM किया तब यहाँ दिखाई पड़ा।www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-22595601681954072702012-12-05T08:08:15.393+05:302012-12-05T08:08:15.393+05:30आदरणीय सौरभ जी आप की बात सही है ये श्रंगार और शृंग...आदरणीय सौरभ जी आप की बात सही है ये श्रंगार और शृंगार का लोचा अक्सर हो जाता है, आप सही वाले को ही पढ़ने की कृपा करें, आभारwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-58923669508256091922012-12-05T06:34:39.272+05:302012-12-05T06:34:39.272+05:30आपकी यह पोस्ट बहुत लाभदायक है ..आभार
चौपाई को ले...आपकी यह पोस्ट बहुत लाभदायक है ..आभार <br /><br />चौपाई को लेकर इक संशय है मन में ....हमेशा हम पढ़ते रहे हैं कि यह चार चरण वाला छंद है ..लेकिन कथन की साम्यता दो चरणों में दिखाई देती है (...ऐसा और छंदों में भी होता है कोई बात नहीं )<br />तुलसी की रामचरित मानस में कुछ स्थानों पर यह दो चरण वाला ही प्रतीत होता है दोहे से दोहे के बीच चरणों की संख्या गिनने पर 18 चरण हैं जबकि होना चाहिए 16 या 20 ...<br Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-65388307988625172532012-12-04T21:09:39.440+05:302012-12-04T21:09:39.440+05:30बहुत सार्थक जानकारी देती प्रस्तुति,,बधाई
recent...बहुत सार्थक जानकारी देती प्रस्तुति,,बधाई <br /><br />recent post<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/12/blog-post.html#comment-form" rel="nofollow">: बात न करो,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-64471443674569982012-12-04T19:12:34.095+05:302012-12-04T19:12:34.095+05:30छंद की बहुत अच्छी जानकारी दी है |
आशा छंद की बहुत अच्छी जानकारी दी है |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-22015361552636337692012-12-04T17:36:59.220+05:302012-12-04T17:36:59.220+05:30सोलह मात्रा वाले छंद चौपाई से अलग हटकर भी होते है....सोलह मात्रा वाले छंद चौपाई से अलग हटकर भी होते है...विस्तृत जानकारी देने के लिए आभार!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-5386654606845733802012-12-04T12:41:48.017+05:302012-12-04T12:41:48.017+05:30१६ मात्रा वाले सारे छंद एक ही जगह। बहुत अच्छा काम ...१६ मात्रा वाले सारे छंद एक ही जगह। बहुत अच्छा काम कर रहे हैं नवीन जी। ये पोस्ट आने वाले समय में संदर्भ का काम करेगी। बहुत बहुत धन्यवाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-89952667519362536362012-12-04T12:32:47.751+05:302012-12-04T12:32:47.751+05:30सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही...सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-25234421569896853492012-12-04T10:03:59.283+05:302012-12-04T10:03:59.283+05:30१६ मात्रा वाले ७ छंद ! वाह भाईजी, वाह !
बहुत ही ...१६ मात्रा वाले ७ छंद ! वाह भाईजी, वाह ! <br /><br />बहुत ही श्रमसाध्य प्रयास हुआ है. वस्तुतः १६ मात्राओं के नाम पर मन में झट से चौपाई छंद का ही नाम आता है. <br /><br />१६ मात्राओं को लेकर नव-हस्ताक्षरों द्वारा रचनाएँ आसानी से की जाती हैं. <br /><br />एक संशय. छंद नाम श्रंगार छंद है या शृंगार छंद है ? <br />यह इसलिए भी पूछ रहा हूँ कि शृंगार को श्रंगार लिखने की एक असहज परिपाटी चल पड़ी है. ऑनलाइ Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-63277104034497786752012-12-04T09:00:25.875+05:302012-12-04T09:00:25.875+05:30गेयता के प्रेरक हैं छन्द...गेयता के प्रेरक हैं छन्द...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com