tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post2753748987074434494..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: निज लक्ष्य जब तक सिद्ध ना हों, बेधड़क बढ़ते रहेंwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-32153136355434340662011-12-06T12:51:54.931+05:302011-12-06T12:51:54.931+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।बहुत अच्छी प्रस्तुति।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-73607637840023658172011-12-05T14:55:59.353+05:302011-12-05T14:55:59.353+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुतिबहुत सुन्दर प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-14520131911228403092011-12-05T14:52:43.066+05:302011-12-05T14:52:43.066+05:30पिछली कई पोस्टें पढ़ी, यह छंद आनंद दे रहा है।पिछली कई पोस्टें पढ़ी, यह छंद आनंद दे रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-75797965570281877692011-12-05T14:12:59.763+05:302011-12-05T14:12:59.763+05:30सुन्दर हरिगीतिका छंद के साथ ही अच्छी चर्चा पढकर आन...सुन्दर हरिगीतिका छंद के साथ ही अच्छी चर्चा पढकर आनंद आ गया...<br />आदरणीय ब्रजेश जी को सादर बधाई...<br />सादर आभारS.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-33341529993749235582011-12-05T11:55:28.662+05:302011-12-05T11:55:28.662+05:30बहुत रोचक है ..ये बहुत संगीत की लय से जुड़े रहते ह...बहुत रोचक है ..ये बहुत संगीत की लय से जुड़े रहते है .. और सुन्दर भाव व् सन्देश के साथ.. मुझे बहुत पसंद है आपकी पोस्ट पर आना ..सब गुणीजन है यहाँडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-65827656707249344072011-11-20T20:51:21.136+05:302011-11-20T20:51:21.136+05:30कविता अच्छी लगी और उसका संदेश भी |बधाई पर मात्रा ...कविता अच्छी लगी और उसका संदेश भी |बधाई <br>पर मात्रा गिनते समय कुछ गलतफहमी हो रहा है |<br>जैसे -अनुरोध है यह आप सब से ,<br>११२१ २ ११ २१ ११ २ =१६ <br>पर शुरू में -२२१२२ तो आया ही नहीं| कृपया समझाने का कष्ट करेंआशाhttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-70511671540405934022011-11-20T22:05:39.027+05:302011-11-20T22:05:39.027+05:30♥ आदरणीय बृजेश त्रिपाठी जी सादर प्रणाम ! अच्छे ...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br>♥</a></b><br><br><br><br><b><i> आदरणीय बृजेश त्रिपाठी जी </i></b> <br>सादर प्रणाम ! <br><br>अच्छे छंद रचे हैं आपने … <br>प्रेरक भी -<br><b>भटकें नहीं, हम सब, निरंतर, राह पर चलते रहें<br>निज लक्ष्य जब तक सिद्ध ना हों, बेधड़क बढ़ते रहें </b><br><b> </b><br> वाऽऽह्… ! <br><br><b> बधाई और मंगलकामनाओं सहित…</b> <br>- Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttp://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-71220475502586665782011-11-20T22:24:21.126+05:302011-11-20T22:24:21.126+05:30@आदरणीया आशा अम्मा जी सादर प्रणाम !मुझे हार्दिक प...@<b>आदरणीया आशा अम्मा जी </b><br>सादर प्रणाम !<br><br>मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आप छंद समझने के लिए वाकई जांचती - परखती रहती हैं । <br># <br>आप तह तक स्वयं ही पहुंच चुकी हैं<br>अनुरोध है यह आप सब से ,<br>११२१ २ ११ २१ ११ २ =१६ <br>शुरू में ११२१ २ और २२१२ एक ही बात है । <br>१+१ = २ ही तो है :)<br><br>शायद <b> नवीन जी</b> व्यस्त हैं … <br>कोई कमी रही है मेरे समझाने में तो उम्मीद है वे और Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttp://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-55537633986320593532011-11-21T10:36:55.193+05:302011-11-21T10:36:55.193+05:30ब्रजेश त्रिपाठी जी !! बधाई!! संघर्ष दुष्कर ज़िन्दगी...ब्रजेश त्रिपाठी जी !! बधाई!! <br>संघर्ष दुष्कर ज़िन्दगी के, कँपकँपाते हैं हमें।<br>कर्तव्य पथ के शूल भी नित, डगमगाते हैं हमें।।<br>भटकें नहीं, हम सब, निरंतर, राह पर चलते रहें।<br>निज लक्ष्य जब तक सिद्ध ना हों, बेधड़क बढ़ते रहें।१।<br>बहुत सुन्दर और मश्वरे के रूप में कहा है -इस बात को अधिकारी भाव से सर्वश्री सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्सायन अज्ञेय जी ने कहा है --<br><br>मैं कब कहता हूँ जग मेरी दुर्धरMayank Awasthihttp://www.blogger.com/profile/16120430247055660504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-47331231197323775772011-11-21T10:39:45.832+05:302011-11-21T10:39:45.832+05:30ऊपर टाइपिंग की त्रुटियो को क्रपया अनदेखा करें -दूस...ऊपर टाइपिंग की त्रुटियो को क्रपया अनदेखा करें -दूसरे छन्द में शायर का नाम शिकेब है और --"" बहुत सुन्दर छन्द कहा है "" --ऐसा पढें --मयंकMayank Awasthihttp://www.blogger.com/profile/16120430247055660504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-85289222436722407792011-11-21T11:44:05.177+05:302011-11-21T11:44:05.177+05:30राजेन्द्र जी बहुत आभारी हूँ की आपने समझा दिया है |...राजेन्द्र जी बहुत आभारी हूँ की आपने समझा दिया है |मेरी तो यह धारणा बन रही थी की ,श्री राम चंद्र, की तरह वे ही शब्द लिए जाएँ जिन का क्रम २२१२२ हो |आपका बहुत बहुत आभार |<br>आशाआशाhttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-35728915122588791022011-11-21T12:33:49.847+05:302011-11-21T12:33:49.847+05:30बहुत ही सुंदर छंद हैं बृजेश जी के, उन्हें कोटि कोट...बहुत ही सुंदर छंद हैं बृजेश जी के, उन्हें कोटि कोटि साधुवाद इन छंदों के लिए और आखिरी पंक्ति के लिए अलग से बधाई स्वीकार करें।धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’http://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-29002638556533721432011-11-21T15:42:58.057+05:302011-11-21T15:42:58.057+05:30जीवन कसौटी सत्यता की, बस यही अविराम हो।अपने लिए सब...जीवन कसौटी सत्यता की, बस यही अविराम हो।<br>अपने लिए सब कष्ट, अपनों - के लिए आराम हो।३<br><br>bahut sundar chhand..सुरेन्द्र सिंह " झंझट "http://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-23304481388386898032011-11-21T17:46:33.278+05:302011-11-21T17:46:33.278+05:30सुन्दर छन्द...प्रेरक..----११ भी २ है,, २ भी २ है.....सुन्दर छन्द...प्रेरक..<br><br><br>----११ भी २ है,, २ भी २ है....क्रपया ११२२..आदि को भूल जाइये.....,बस २८ मात्रा व १६-१२..अन्त मे लघु-गुरु ..ही याद रखिये...वही वास्तविक नियम है....डा. श्याम गुप्तhttp://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.com