tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post1968796382486817319..comments2024-03-22T11:27:03.707+05:30Comments on साहित्यम्: ज़िन्दगी के हसीं मक़ाम पे हूँ - हादी जावेदwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4162253741448977385.post-54305116168272369572014-06-27T19:07:31.365+05:302014-06-27T19:07:31.365+05:30मेरे भाई हादी जावेद सादलौह हैं !! जिस शाइस्तगी और ...मेरे भाई हादी जावेद सादलौह हैं !! जिस शाइस्तगी और ज़हानत के साथ उन्होने इस जहाने काफिर के साथ ज़िन्दगी बसर की है वैसा कोई मोमिन ही कर सकता है !! उनके गज़ल भी उनकी शख़्सीयत और मिज़ाज का आईना है – कितने सीदे सादे सच्चे और रूह की गहराई से उतरे हुये शेर जो एक ही बार मे दिल से जिगर तक उतर जाते हैं – क्य खूब !! <br /> <br /><br />लफ्ज़ ख़ामोश हो गए सारे<br />कौन सी मंज़िले-कलाम पे हूँ<br /><br />सुब्ह के दर Mayank Awasthihttps://www.blogger.com/profile/16120430247055660504noreply@blogger.com