16 अक्तूबर 2010

वो है भगवान इन्सान के रूप में

सब के दिल में रहे, सबको सजदा करे, 
वो है भगवान इन्सान के रूप में|
जो बिना स्वार्थ खुशियाँ लुटाया करे, 
वो है भगवान इन्सान के रूप में||

अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का, 
ख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे, 
वो है भगवान इन्सान के रूप में||

ये ही दुनिया का दस्तूर है दोस्तो, 
काबिलों को ही दिल से लगाते सभी,
हौसला हर किसी को जो बख्शा करे, 
वो है भगवान इन्सान के रूप में||

दायरों से न जिसका सरोकार हो, 
मामलों की न परवा करे जो कभी|
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे, 
वो है भगवान इन्सान के रूप में||

8 टिप्‍पणियां:

  1. दायरों से न जिसका सरोकार हो,
    मामलों की न परवा करे जो कभी|
    मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप में||

    बिलकुल सही कहा सर!
    एक पंक्ति बहुत ही खूबसूरत है।

    सादर

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  2. अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
    ख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
    दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप में||

    ...बहुत प्रेरक और सारगर्भित प्रस्तुति..बहुत सुन्दर

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  3. दायरों से न जिसका सरोकार हो,
    मामलों की न परवा करे जो कभी|
    मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप ...बहुत सही कहा..सुन्दर भाव..

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  4. दायरों से न जिसका सरोकार हो,
    मामलों की न परवा करे जो कभी|
    मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप

    vah

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  5. इंसान के रूप में भगवान की छवि कुछ ऐसी ही होगी!

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  6. इंसान के रूप मैं भगवान होना आसान नहीं है

    सब के दिल में रहे, सबको सजदा करे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप में|
    जो बिना स्वार्थ खुशियाँ लुटाया करे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप में||

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  7. अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
    ख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
    दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
    वो है भगवान इन्सान के रूप में||

    बहुत सच बात है ..सुन्दर रचना ..
    आभार

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  8. बहुत सुन्दर सन्देश देती अच्छी रचना

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